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सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच हुई अहम डील, जानिए इससे क्या होगा फायदा

भारत और सिंगापुर सेमीकंडक्टर फील्ड में मिलकर काम करेंगे। दोनों देशों के बीच इसे लेकर समझौता हुआ है। दोनों देशों ने इस समझौते को इंडिया सिंगापुर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप नाम दिया गया है।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Updated on: September 05, 2024 17:21 IST
India and Singapore cooperation in Semiconductor Field- India TV Hindi
Image Source : PM NARENDRA MODI (X) India and Singapore cooperation in Semiconductor Field

India And Singapore Semiconductors Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर फील्ड में पार्टनरशिप को लेकर डील हुई है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। अब इस समझौते के बाद भारत में सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों की एंट्री का रास्ता आसान हो जाएगा। सिंगापुर सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। दोनों देशों ने इस समझौते को इंडिया सिंगापुर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप नाम दिया गया है। 

'सेमीकंडक्टर उद्योग का समर्थन'

सिंगापुर सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘ सिंगापुर और भारत ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में साझेदारी तथा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। इस एमओयू का मकसद भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग का समर्थन करना, साथ ही सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों तथा संबंधित आपूर्ति श्रृंखलाओं के परिवेश तंत्र को तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में हिस्सा लेने की सुविधा प्रदान करना है।’’ 

दोनों देश उठाएंगे लाभ

बयान में कहा गया, ‘‘ एमओयू के तहत, सिंगापुर तथा भारत अपने सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र में पूरक विशेषज्ञताओं का लाभ उठाएंगे और अपनी सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत बनाने के लिए अवसरों का इस्तेमाल करेंगे।’’ समझौते के तहत पहल में परिवेश तंत्र विकास, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाना और कार्यबल विकास पर सरकार के नेतृत्व में नीतिगत आदान-प्रदान शामिल होंगे। 

सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अहम है सिंगापुर का स्थान

बयान में कहा गया , ‘‘व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय (एमटीआई) और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) विचार-विमर्श को सुविधाजनक बनाने, सहयोग के क्षेत्रों की प्रगति की निगरानी करने और सर्वोत्तम व्यवहार का आदान-प्रदान करने के लिए एक ‘नीति वार्ता’ स्थापित करेंगे।’’ बता दें कि, सिंगापुर ने एक सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र स्थापित किया है। उसने सेमीकंडक्टर कंपनियों का एक मजबूत समूह तैयार किया है, जो भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग की वृद्धि में हिस्सा लेने को उत्सुक हैं।

क्या है सेमीकंडक्टर 

वैश्विक सेमी कंडक्टर आउटपुट में सिंगापुर का योगदान 10 फीसदी है। विभिन्न इलेक्ट्रिकल उपकरणों जैसे कि स्मार्टफोन, चिप से लेकर कंप्यूटिंग, स्मार्ट टीवी में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल होता है। सिलिकॉन, गैलियम आर्सेनाइड समेत अन्य चीजों से सेमीकंडक्टर तैयार किए जाते हैं। इनका काम होता है बिजली का फ्री फ्लो करवाना। इनका उपयोग मेमोरी डिवाइस, माइक्रोप्रोसेसर और सीएमओएस सेंसर में भी किया जाता है। (भाषा)

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