Highlights
- 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान
- फिलहाल 179 सांसदों का समर्थन, बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत
- क्या इमरान से नाराज हैं पाक सेना प्रमुख?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान राजनीतिक भंवर में फंसते दिखाई दे रहे हैं। उनकी कुर्सी पर खतरा और बढ़ गया है। उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 28 मार्च को वोटिंग होना है। इसी बीच इमरान ने सेना प्रमुख से मुलाकात की है। पाक मीडिया की खबरों की मानें तो इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के करीब 18 से 20 सांसद अपनी ही सरकार के खिलाफ वोटिंग करने वाले हैं। इसी बीच इमरान खान ने शनिवार यानी आज दोपहर बनिगला स्थित अपने घर पर अपनी पार्टी पीटीआई के नेताओं की बैठक बुलाई है। चर्चा गर्म है कि अविनाश प्रस्ताव से पहले ही इमरान पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है।
इमरान ने सेना प्रमुख बाजवा से मुलाकात की है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अधिकांश नेता इस बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। देश में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच इस बैठक का नतीजा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक का मकसद पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता को एक बार फिर से पटरी पर लाने का है। माना जाता है कि पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता लाने में सेना का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सेना के सहयोग के बिना वहां सरकार चलाना मुश्किल है।
क्या इमरान से नाराज हैं पाक सेना प्रमुख?
बताया जा रहा है कि पीएम इमरान खान द्वारा 11 मार्च को दिए गए भाषण में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर सेना प्रमुख नाराज चल रहे हैं। दरअसल, सेना प्रमुख ने इमरान खान को विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी थी, लेकिन इमरान खान ने इसे खारिज कर दिया था। इस मामले पर सफाई देते हुए इमरान खान ने कहा कि मैं सिर्फ जनरल बाजवा से बात कर रहा था और उन्होंने मुझसे फजल को 'डीजल' नहीं कहने के लिए कहा था। लेकिन मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं। लोगों ने उनका नाम डीजल रखा है। इमरान खान जेयूआई-एफ नेता मौलाना फजलुर रहमान का जिक्र कर रहे थे।
28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान
दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं। 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान के दौरान प्रधानमंत्री इमरान खान अगर 172 सदस्यों का समर्थन हासिल नहीं कर सके, तो उनकी सरकार गिर जाएगी। ऐसा होने की मजबूत संभावना मानी जा रही है।
इमरान के टेंशन बढ़ाने वाली यह है खास वजह
पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान सरकार के पास फिलहाल 179 सांसदों का समर्थन है। बहुमत के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। सहयोगी दलों के 7 सांसद इस सरकार को समर्थन दे रहे हैं। खबरों के मुताबिक, 18 से 20 सांसद ऐसे हैं जो विपक्ष के साथ जाने को तैयार बैठे हैं, क्योंकि उन्हें इमरान के साथ भविष्य नजर नहीं आता। अगर ऐसा होता है तो विपक्ष की कुल संख्या 200 के करीब हो जाएगी और सरकार के पास 160 से भी कम सांसद बचेंगे। ऐसे में सरकार का गिरना तय है।
75 साल में कई राष्ट्राध्यक्ष बने, पर कोई कार्यकाल पूरा नहीं कर सका
नवाज शरीफ 6 नवंबर 1990 को पहली बार प्रधानमंत्री बने थे और 18 जुलाई, 1993 को उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। फिर 17 फरवरी 1997 को वे दोबारा प्रधानमंत्री बने और 12 अक्टूबर 1999 तक प्रधानमंत्री रहे। तीसरी बार 5 जून 2013 को प्रधानमंत्री का पदभार संभाला लेकिन 28 जुलाई, 2017 को उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।. पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब कोई भी नेता तीन बार प्रधानमंत्री बना लेकिन तीनों बार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। सिर्फ नवाज शरीफ ही नहीं, 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान का एक भी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है।