Highlights
- इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान में चुनाव का ऐलान नहीं हुआ तो गृहयुद्ध हो सकता है।
- इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में सत्ता की बागडोर सरकार की बजाय सेना के हाथ में है।
- इमरान ने बार-बार कहा है कि उनकी सरकार को हटाने के पीछे अमेरिका का हाथ था।
इस्लामाबाद: बीते अप्रैल में पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने बुधवार को एक इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है। इमरान ने ‘बोल न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में आगाह किया कि अगर पाकिस्तान (Pakistan) में नए सिरे से चुनाव का ऐलान नहीं किया गया तो मुल्क सिविल वॉर यानी कि गृहयुद्ध की तरफ बढ़ सकता है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि वह प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देने के लिए अपनी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
‘एक और मार्च निकालने का ऐलान करेंगे’
इमरान खान ने कहा कि वह चुनाव की मांग को लेकर एक और मार्च निकालने का ऐलान जल्द ही करेंगे। उन्होंने आगाह कया, ‘हम देखेंगे कि क्या वे हमें कानूनी और संवैधानिक तरीकों से चुनाव कराने की इजाजत देते हैं या नहीं। ऐसा नहीं हुआ तो देश में गृहयुद्ध (Pakistan Civil War) के हालात पैदा हो जाएंगे।’ इमरान ने कहा कि नेशनल असेंबली में लौटने का ‘कोई सवाल ही नहीं उठता’ क्योंकि ऐसा करने का मतलब होगा कि उन्होंने ‘उस साजिश को स्वीकार कर लिया है’ जिसके तहत उनकी सरकार को सत्ता से बाहर किया गया।
‘लोगों को एक सच्चा नुमाइंदा चाहिए’
बता दें कि इमरान को पिछले महीने विपक्षी पार्टियों ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि, उन्होंने इस पर काफी बवाल मचाया था और कहा था कि उनकी सरकार की बेदखली में अमेरिका का हाथ है। इसके बाद से ही वह नए सिरे चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) पार्टी के शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली मौजूदा गठबंधन सरकार ‘इम्पोर्टेड’ है और पाकिस्तानी लोगों को एक सच्चा नेता चाहिए।
‘हर तरफ से ब्लैकमेल किया जाता था’
इमरान ने पाकिस्तान की आर्मी पर एक बार फिर निशाना साथा और कहा कि उनकी सरकार एक ‘कमजोर सरकार’ थी, जिसे ‘हर तरफ से ब्लैकमेल किया’ जाता था। उन्होंने कहा कि सत्ता की बागडोर उनके हाथ में नहीं थी और ‘सभी को पता था कि वह किसके पास है।’ अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल में इमरान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। उनका आरोप है कि यह अमेरिका-नीत साजिश का हिस्सा था क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी।
‘सभी को पता है कि सत्ता किसके पास है’
इमरान ने कहा कि उनकी सरकार जब से सत्ता में आई थी तभी से वह ‘कमजोर’ थी और उसे गठबंधन की जरूरत पड़ी। इमरान ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा पैदा हुई तो वह फिर से चुनाव कराने का विकल्प चुनेंगे और बहुमत की सरकार बनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने, ‘हमारे हाथ बंधे हुए थे। हमें हर तरफ से ब्लैकमेल किया जा रहा था। सत्ता हमारे हाथ में नहीं थी। सभी को पता है कि पाकिस्तान में सत्ता किसके पास है, इसलिए हमें उन पर निर्भर रहना पड़ता था।’
‘सेना और सरकार के बीच बैलेंस जरूरी’
इमरान ने कहा कि दुश्मनों के खतरे को देखते हुए हर देश के लिए एक ‘मजबूत फौज’ का होना जरूरी है, लेकिन एक मजबूत सेना तथा मजबूत सरकार के बीच ‘संतुलन’ होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘हम हर समय उन पर निर्भर रहते थे। उन्होंने बहुत सी चीजें अच्छी भी की हैं, लेकिन जो बहुत सी चीजें करनी चाहिए थीं, उन्होंने नहीं की। उनके पास सत्ता है, क्योंकि नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NBA) जैसे संस्थानों पर उनका नियंत्रण है।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के पास जिम्मेदारी थी, लेकिन सत्ता या शक्ति नहीं थी।