Imran Khan Warning: पाकिस्तान में राजनीतिक गतिरोध कम नहीं हो रहा है। कंगाल पाकिस्तान में चुनाव कराने को लेकर इमरान खान पूरा जोर लगा रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिन साजिशों के चलते उन्हें पीएम पद से हटाया गया था, उन सभी साजिशों में लगे हर नेता का कच्चा चिट्ठा खोलने की धमकी दी है। इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर उनके जल्दी चुनाव कराने की मांग को नजरअंदाज और नकार दिया जाता है तो वे सभी के राज उजागर कर देंगे।
साजिश में शामिल सभी नेताओं को बेनकाब करने की चेतावनी
खान ने कहा कि वह कथित शासन परिवर्तन की साजिश में शामिल सभी पात्रों को बेनकाब करेंगे, अप्रत्यक्ष दबाव और देश के सैन्य प्रतिष्ठान के लिए खतरा है, जो पीटीआई के सोशल मीडिया अभियानों के लक्ष्यों में से एक रहा है और सार्वजनिक सभा, साक्षात्कार और बयानों में खान द्वारा खुले तौर पर कहा गया है। इमरान खान ने कहा, "मैं इस साजिश में शामिल प्रत्येक चरित्र की भूमिका जानता हूं। मैंने एक वीडियो रिकॉर्ड किया है, जिसे मैंने सुरक्षित स्थान पर रखा है। अगर मुझे कुछ होता है, तो वीडियो देश के साथ साझा किया जाएगा।"
देश को नुकसान न हो, इसलिए चुप बैठा हूं: बोले इमरान
उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि क्या हुआ था। मैं केवल इसलिए चुप बैठा हूं, क्योंकि मुझे पता है कि अगर मैं सब कुछ सामने लाना शुरू कर दूं, तो इससे देश को नुकसान होगा।" हालांकि, खान ने कहा कि अगर उनकी पार्टी के सदस्यों को परेशान किया जाता है और धमकाया जाता है, तो उनके पास जो कुछ भी है, उसे पूरे देश में देखने और फैसला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा जाएगा।
पाक आर्मी की कारगुजारियों पर कई बार सवाल उठा चुके हैं खान
इमरान खान जनरल बाजवा और उनकी आर्मी पर कई बार सवाल उठा चुके हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से और कई मौकों पर अपने बयानों से वे इशारों इशारों में ही पाक आर्मी के सरकार में दखल को लेकर अपनी बात कह चुके हैं। वहीं इमरान की पार्टी पीटीआई के सोशल मीडिया संचालक भी इमरान सरकार के खिलाफ जो सत्ता परिवर्तन की साजिश रची गई थी और उसमें सेना का जिस तरह हाथ था, उसके बारे में जानकारियां फैलाने का काम कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में भीड़ जुटती हैं इमरान की रैली और जनसभाओं में
इमरान खान के सेना विरोधी बयानों का उनके लाखों समर्थकों ने समर्थन भी किया है। उनकी रैलियों में भी बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है। इमरान खान का पूरा फोकस जल्दी ही पाकिस्तान में चुनाव कराने को लेकर है। इसके लिए वे कई बार सरकार को धमकियां और दबाव बनाने का काम भी कर चुके हैं।
जो इमरान कभी सेना की आंखों का तारा थे, वही खटकने लगे
पाकिस्तान की राजनीति में भी हाल के वर्षों में कई तरह के उतार चढ़ाव आए। जो इमरान खान सत्ता संभालते वक्त सेना और जनरल बाजवा की आंखों का तारा बने हुए थे। बाद में वे ही बाजवा की आंखों में खटकने लगे। इमरान को सत्ता से हटाने की कवायदों में सेना की खामोशी भी बड़ा काम कर रही थी। अंतत:सेना की मंशा और विरोधी नेताओं के विरोध और आंकड़ों के खेल के चलते इमरान खान को सत्ता से बाहर होना पड़ा था।