पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इमरान खान की वह याचिका खारिज कर दी जिसे भ्रष्टाचार के एक मामले (तोशाखाना मामला) में सुनवाई के खिलाफ दायर किया गया था। इमरान पर आरोप है कि उन्होंने उन तोहफों का विवरण छिपाया, जिसे उन्होंने सरकारी भंडार (तोशाखाना) से हासिल किया था। तोशाखाना मामले में याचिका खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध करने वाली अर्जी पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में सुनवाई चल रही है। अदालत ने उम्मीद जताई कि निचली अदालत और आईएचसी कानून के अनुरूप निर्णय लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उक्त फैसले का इमरान (70) की ओर से दायर अन्य याचिकाओं पर असर नहीं पड़ेगा। इमरान पर वर्ष 2018 से 2022 के दौरान प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए राज्य के नियंत्रण वाले उन तोहफों को खरीदने और बेचने का आरोप है, जिसे उन्होंने विदेश यात्रा के दौरान हासिल किया था और जिनकी कुल कीमत 6.35 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को इस्लामाबाद सत्र अदालत में चल रहे तोशाखाना मामले की सुनवाई पर रोक लगाने के खान के अनुरोध को खारिज कर दिया। हालांकि, इसने शुक्रवार तक आगे की कार्यवाही स्थगित करके पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख को राहत भी दी थी ताकि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा कोई प्रतिकूल आदेश पारित होने की स्थिति में वह फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकें।
इमरान खान पर चल रहे हैं 140 से अधिक मुकदमे
इस बीच, आईएचसी ने बृहस्पतिवार को तोशाखाना मामले के खिलाफ इमरान खान द्वारा दायर याचिकाओं के एक सेट पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार को उक्त फैसला सुनाये जाने की उम्मीद है। न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अगुवाई वाली उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली और न्यायमूर्ति मजाहर अली अकबर नकवी शामिल थे, शुक्रवार को खान की याचिका पर सुनवाई करने वाली थी। लेकिन आज पीठ का पुनर्गठन किया गया और न्यायमूर्ति नकवी की जगह न्यायमूर्ति हसन अजहर रिजवी को नियुक्त किया गया। सुनवाई के दौरान वकील ख्वाजा हारिस इमरान खान के वकील के रूप में पेश हुए, जबकि वकील अमजद परवेज पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के वकील के रूप में पेश हुए। इमरान खान देशभर में 140 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जिसमें आतंकवाद, हिंसा, ईशनिंदा, भ्रष्टाचार और हत्या के मामले शामिल हैं। (भाषा)
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