Saturday, November 23, 2024
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आर्मी कोर्ट के मुकदमे से बचने के लिए इमरान खान की पार्टी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, क्या इस बार मिलेगी राहत?

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी यानी पीटीआई ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर 9 मई के हमलों में शामिल नागरिकों के खिलाफ सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: May 22, 2023 23:14 IST
आर्मी कोर्ट के मुकदमे से बचने के लिए इमरान खान की पार्टी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, क्या इस बार मिलेगी रा- India TV Hindi
Image Source : FILE आर्मी कोर्ट के मुकदमे से बचने के लिए इमरान खान की पार्टी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, क्या इस बार मिलेगी राहत?

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की फजीहत कम नहीं हो रही है। इसी बीच इमरान खान की पार्टी आर्मी की कोर्ट के मुकदमे से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंची है। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी यानी पीटीआई ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर 9 मई के हमलों में शामिल नागरिकों के खिलाफ सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाने के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। पीटीआई ने सरकार के फैसले को नियत प्रक्रिया और निष्पक्ष सुनवाई की संवैधानिक गारंटी का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ करार दिया। 

‘जियो टीवी’ के अनुसार, पार्टी के अतिरिक्त महासचिव उमर अयूब खान द्वारा दायर याचिका में अनुच्छेद 184 (3) के तहत शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सामने 22 सवाल रखे गए हैं। याचिका में अदालत से यह भी पड़ताल करने का अनुरोध किया गया है कि क्या सशस्त्र बलों का अनुरोध दुर्भावनापूर्ण है, क्योंकि संघीय सरकार ने दावा किया था कि चुनाव के दौरान सुरक्षा स्थिति के कारण उन्हें तैनात नहीं किया जा सकता। 

याचिका में अनुच्छेद 245 और धारा 144 के उपयोग के प्रति 'भेदभावपूर्ण रवैया' दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट के बाहर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभा को संघीय सरकार के समर्थन पर भी सवाल उठाया गया। रिपोर्ट में यह भी सवाल किया गया है कि क्या पीटीआई को ‘आतंकवादी संगठन ’ करार दिया जाना चुनाव नहीं कराने और खान के नेतृत्व वाली पार्टी को चुनावी प्रक्रिया से बेदखल करने की एक चाल है?

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हाल के हमलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सैन्य अधिनियम और आतंकवाद रोधी अधिनियम सहित मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाने के लिए सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने प्रस्ताव रखा जिसे संसद के निचले सदन ने बहुमत से पारित कर दिया। इसमें संकल्प लिया गया है कि नौ मई को सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल दंगाइयों पर मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। 

दरअसल, 9 मई को जब इमरान खान की गिरफ्तारी हुई थी, तब इमरान खान के समर्थकों द्वारा देशभर में हिंसक प्रदर्शन् किए गए थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय जीएचक्यू पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था।

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