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इमरान खान के हक में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अब संसद में सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी PTI; समझें कैसे

सियासी दलों के बीच महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सहयोगी एसआईसी को आरक्षित सीटें प्रदान की हैं।

Edited By: Amit Mishra @AmitMishra64927
Published on: July 13, 2024 8:44 IST
Imran Khan- India TV Hindi
Image Source : FILE REUTERS Imran Khan

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जेल में बंद खान की पार्टी को लेकर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। इस फैसले के बाद होगा यह कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ 109 सीट के साथ संसद में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला दिया कि यह पार्टी महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट के आवंटन के लिए पात्र है।

पेशावर उच्च न्यायालय का फैसला रद्द

इमरान खान (71) की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के लिए एक बड़ी कानूनी जीत में प्रधान न्यायाधीश काजी फैज इसा के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत की 13 सदस्यीय पूर्ण पीठ ने पेशावर उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया है। पेशावर उच्च न्यायालय पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग द्वारा नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीट में पार्टी को हिस्सा देने से इनकार करने के कदम को बरकरार रखा था। पीठ ने निर्वाचन आयोग के फैसले को भी “अमान्य” घोषित करते हुए इसे “पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ” करार दिया।

हो जाएंगी 109 सीटें

‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, पीटीआई नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी क्योंकि 23 आरक्षित सीट हासिल करने के बाद इसकी सीट 86 से बढ़कर 109 हो जाएंगी। खबर में कहा गया कि नेशनल असेंबली में विपक्षी गठबंधन की सीट संख्या भी बढ़कर 120 हो जाएंगी। वर्तमान में, पीटीआई सहित संयुक्त विपक्ष के 97 सदस्य हैं। 

कैसे शुरू हुआ विवाद

बता दें कि, आरक्षित सीटों को लेकर विवाद तब शुरू हुआ था, जब निर्वाचन आयोग ने सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें पार्टी ने नेशनल असेंबली की 70 और चार प्रांतीय असेंबली की 156 आरक्षित सीटों में से उसे उसका हिस्सा देने का अनुरोध किया था। निर्वाचन आयोग ने यह कहते हुए एसआईसी की अर्जी खारिज कर दी थी कि उसने बतौर पार्टी चुनाव नहीं लड़ा था और उसे संख्या बल तब मिला, जब पीटीआई समर्थित विजेता निर्दलीय उम्मीदवार उसके साथ आए।

यह भी जानें

इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) गत आठ फरवरी को संपन्न चुनाव नहीं लड़ सकी थी, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने उसके अंतर-पार्टी चुनावों को खारिज कर दिया था और उसका चुनाव चिह्न “बल्ला” वापस ले लिया था। पीटीआई महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों पर दावेदारी जताने के लिए पात्र नहीं थी। ये सीट सदन में आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर विजेता पार्टियों को दी जाती हैं। ऐसे में जिन उम्मीदवारों ने निर्दलीय के रूप में लेकिन पीटीआई के समर्थन से चुनाव जीता था, उन्हें पीटीआई नेतृत्व ने एसआईसी में शामिल होने का निर्देश दिया था, ताकि पार्टी आरक्षित सीटों पर दावेदारी जता सके। (भाषा)

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