Pakistan Politics: पाकिस्तान में चुनावी नतीजों के बाद अब राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। गठबंधन बनाने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति शुरू होने के बीच इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ऐ इंसाफ यान 'पीटीआई' ने घोषणा की है कि वह नवाज या बिलावल की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं बनाएगी। यदि सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया जाता है तो वह विपक्ष में बैठना मंजूर करेगी। जानकारी के अनुसार इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने साफ इनकार कर दिया है कि वे सत्ता के लिए नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन या बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी से कोई गठबंधन नहीं करेंगे। पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर खान ने पीएमएल-एन और पीपीपी के साथ किसी सीट बंटवारे की बातचीत से इनकार किया है।
'हम नहीं करेंगे गठबंधन', बोली इमरान की पार्टी
इमरान खान की पार्टी के बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि 'वे अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दोनों पार्टियों से गठबंधन करने का कोई इरादा नहीं है।' पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, गौहर खान ने कहा 'हम दोनों के साथ सहज नहीं हैं। इनके साथ सरकार बनाने से अच्छा होगा कि हम विपक्ष में बैठें।' उन्होंने कहा कि अगर वे सरकार बनाने में सफल नहीं हुए तो वे मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
सरकार बनाने के लिए किन पार्टियों के संपर्क में है पीटीआई?
पीटीआई, जमात ए इस्लामी के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही है। चुनाव नतीजे में जमात ए इस्लामी को खैबर पख्तूनख्वा असेंबली में तीन सीटें मिली हैं। दोनों पार्टियां पहले भी गठबंधन में रह चुकी हैं। हालांकि मई 2018 में जमात ए इस्लामी ने पीटीआई के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। पीटीआई मजलिस ए वहदतुल मुसलमीन के साथ भी गठबंधन की कोशिश कर रही है।
पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच चल रही गठबंधन की बातचीत
उधर, सरकार बनाने के लिए नवाज शरीफ और बिलावल की पार्टियों में बातचीत चल रही है। नतीजे में इमरान खान की पार्टी 101 सीटें मिली हैं, जो सबसे ज्यादा हैं लेकिन बहुमत के आंकड़े 133 से वे दूर हैं। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को 75 और पीपीपी को 54 सीटों पर जीत मिली है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत भी चल रही है।साल 2022 में जब इमरान खान की सरकार अविश्वास मत हारकर सत्ता से बाहर हुई थी, तब भी पीएमएल-एन और पीपीपी ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी, जिसका नेतृत्व शहबाज शरीफ ने किया था। अब देखना यह है कि बिलावल और नवाज की पार्टियों में गठबंधन होता है या नहीं। यदि होता है तो क्या फॉर्मूला निकलकर सामने आएगा?