Highlights
- इमरान को लगता है कि सेना उनके खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को नाकाम कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया।
- इमरान ने कहा कि उन्होंने ‘न्यूट्रल’ को पहले ही आगाह किया था कि ‘साजिश’ सफल हुई तो आर्थिक सुधार पीछे चले जाएंगे।
- पाकिस्तान में इमरान और विपक्ष के बीच चले सियासी ड्रामे के दौरान सेना ने कहा था कि इस मामले में उसका रुख ‘न्यूट्रल’ है।
इस्लामाबाद: ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी गंवाने के बाद से आपा खो बैठे हैं। शायद यही वजह है कि कभी वह अपनी तुलना ‘गधे’ से करने लगते हैं, तो कभी कहते हैं कि जैसे अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद को अपना पैगाम दुनिया तक पहुंचाने के लिए कहा था वैसे ही तुम भी मेरा पैगाम पाकिस्तान की आवाम तक ले जाओ। अब उन्होंने पाकिस्तान की सत्ता से लेकर आम आदमी तक की जिंदगी में दखल रखने वाली सेना पर हमला बोला है।
‘हमने तो पहले ही न्यूट्रल को बता दिया था कि...’
दरअसल, इमरान खान को लगता है कि सेना उनके खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को नाकाम कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। सेना पर हमला बोलते हुए इमरान ने कहा कि उन्होंने ‘न्यूट्रल’ को पहले ही आगाह किया था कि अगर ‘साजिश’ सफल हुई तो देश के आर्थिक सुधार पीछे चले जाएंगे। दरअसल, पाकिस्तान में इमरान और विपक्ष के बीच चले सियासी ड्रामे के दौरान सेना ने कहा था कि इस मामले में उसका रुख ‘न्यूट्रल’ है। इमरान इसी बात को लेकर हमला बोल रहे थे।
‘इम्पोर्टेड सरकार कुछ भी नहीं कर रही है’
पाकिस्तानी रुपये में लगातार गिरावट आने और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इसके 193 रुपये तक गिर जाने के बाद इमरान खान ने सोशल मीडिया पर अपनी बात कही। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। इमरान ने कहा कि ‘इम्पोर्टेड सरकार’ कुछ नहीं कर रही जबकि बाजार कोई कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘बाजार को नीति और कार्रवाई की प्रतीक्षा है, इम्पोर्टेड सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है।’
फिलहाल भाई नवाज के पास लंदन में हैं शहबाज
इमरान ने कहा, ‘मैंने और शौकत तरीन दोनों ने ‘न्यूट्रल’ को आगाह किया था कि अगर साजिश सफल हुई तो हमारी कमजोर आर्थिक स्थिति और पीछे चली जाएगी। अब यही हुआ है।’ इस बीच पीएम शहबाज शरीफ नीत गठबंधन सरकार की आलोचना बढ़ती जा रही है क्योंकि वह अब तक प्रमुख आर्थिक समस्याओं के हल के लिए कोई प्रभावी कदम उठाने में नाकाम रही है। शरीफ इस समय लंदन में अपने भाई और पूर्व पीएम नवाज शरीफ से चुनौतीपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों के बारे में राय लेने गए हैं।