पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनकी पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। ऐसा हुआ तो इमरान समेत उनकी पार्टी का कोई भी नेता इस दल के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ पाएगा। पार्टी अध्यक्ष इमरान को स्वयं भी चुनाव लड़ने में मुश्किल होगी। जबकि इमरान का पीएम शहबाज शरीफ सरकार से मुख्य विवाद पाकिस्तान में अतिशीघ्र चुनाव कराए जाने को लेकर ही है। मगर अब इमरान का दांव उल्टा पड़ता जा रहा है। पीटीआइ पर आतंकवाद का संगीन आरोप लगने के बाद अब उस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारियों ने पाकिस्तान में एक नई जंग शुरू करने की आहट दे दी है।
बता दें कि कार्यवाहक पाकिस्तान पंजाब सरकार ने आतंकवाद में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की संलिप्तता के सबूत मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा को सौंपे हैं, ताकि इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित किया जा सके। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी गई। एक्सप्रेस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सीईसी गुरुवार को पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी से मिलने लाहौर में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनकी अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय ब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया। बैठक में 9 मई की आतंकवादी घटनाओं की कड़ी निंदा की गई और पाकिस्तानी सेना के साथ पूरी एकजुटता जताई गई। बैठक के दौरान, सीईसी और सदस्यों को एक राजनीतिक दल द्वारा 9 मई की 'आतंकवादी' घटनाओं में शामिल होने के ठोस सबूत पेश किए गए, जिसमें ब्रीफिंग, चित्र, वीडियो और मैसेजिंग सबूत शामिल थे।
जमान पार्क में हमलावरों की मौजूदगी का दावा
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक मोहसिन नकवी ने कहा कि 9 मई को एक राजनीतिक दल ने पूरे देश को बदनाम किया और सैन्य प्रतिष्ठानों पर सुनियोजित हमले किए। उन्होंने कहा कि जियो-फेंसिंग के जरिए लाहौर के जमान पार्क में मौजूद हमलावरों और पार्टी नेतृत्व के बीच संपर्क के सबूत सामने आए। उन्होंने कहा, राजनीति की आड़ में एक गंदा खेल खेला गया और शुरुआती अनुमान से राष्ट्रीय खजाने को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सुल्तान राजा ने कहा कि मोहसिन नकवी के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने मौजूदा हालात में लोगों की सुरक्षा के लिए बेहतरीन और साहसिक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि पंजाब सरकार की टीम ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही है। ईसीपी का उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण आम चुनाव कराना है। हमारा किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है और न ही कोई राजनीतिक एजेंडा है।
3 दिनोें में 256 हिंसक घटनाओं का दावा
बैठक के दौरान सीईसी और अन्य ईसीपी सदस्यों को 9 मई को हुई आतंकवाद की घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. उस्मान अनवर ने प्रतिनिधिमंडल को जिन्ना हाउस और अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों का विवरण दिया। आंतरिक मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आतंकवादी हमलों से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी, जिसमें कहा गया कि तीन दिनों की अवधि में कुल 256 हिंसक घटनाएं हुईं, जिसमें कहा गया कि सैन्य प्रतिष्ठानों और स्थानों को विशेष रूप से लक्षित किया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सरकारी संस्थानों सहित कुल 108 वाहनों और 23 इमारतों को नुकसान पहुंचा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई, जबकि 127 पुलिस अधिकारियों, कर्मियों और 15 नागरिकों को चोटें आईं।