Sunday, January 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. पाकिस्तान में खुलेआम गोली खाने वाले पहले नेता नहीं इमरान, पाक के पहले PM समेत कई बड़े नेताओं की हो चुकी है सरेआम हत्या

पाकिस्तान में खुलेआम गोली खाने वाले पहले नेता नहीं इमरान, पाक के पहले PM समेत कई बड़े नेताओं की हो चुकी है सरेआम हत्या

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर कल गुरूवार को एक लॉन्ग मार्च के दौरान हमला किया गया। उनपर हमलावर ने गोलियां चलें जोकि उनके पैरों में लगी। इस हमले इमरान खान की पार्टी के कई नेता और उनके समर्थक घायल हो गए। साथ ही इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Nov 05, 2022 0:03 IST, Updated : Nov 05, 2022 6:28 IST
पूर्व पाक पीएम इमरान खान
Image Source : AP पूर्व पाक पीएम इमरान खान

पाकिस्तान की सियासत में तूफान आया हुआ है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर कल गुरूवार को एक रोड शो के दौरान गोली मार दी गई। इस हमले में वो घायल हो गए। खबरों के अनुसार, इमरान खान को 4 गोलियां लगी हैं। आज शुक्रवार को बात करते हुए इमरान खान ने आरोप लगाया कि उनकी हत्या की साजिश रची गई थी। उन्होंने इसके लिए मौजूदा सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारियों पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। 

16 अक्टूबर 1951 को हुई थी पहले पीएम की हत्या 

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान में किसी बड़ी राजनीतिक हस्ती को मारने की कोशिश की गई हो। इससे पहले भी कई बड़ी हस्तियों को सरेआम गोली मारकर उनकी हत्या की गई है। 16 अक्टूबर, 1951, पाकिस्तान के इतिहास में एक ऐसी तारीख के रूप में याद किया जाता है, जब देश के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की रावलपिंडिस कंपनी गार्डन में एक सार्वजनिक रैली के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 1951 में कंपनी गार्डन में गोलियां चलाई गईं, जिसे बाद में लियाकत बाग का नाम दिया गया।

सरेआम हमलों में जान गंवा चुके हैं कई बड़े नेता 

सात दशकों से अधिक समय से लगातार अंतराल के साथ जारी गोलीबारी और आतंकवादी हमलों ने कई राजनेताओं की जान ली, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, उनके भाई मीर मुर्तजा भुट्टो, गुजरात के चौधरी जहूर इलाही, पंजाब के पूर्व गृह मंत्री शुजा खानजादा और पूर्व अल्पसंख्यक मंत्री शाहबाज भट्टी हैं। खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) विधानसभा सदस्य और एएनपी के बशीर अहमद बिलौर और उनके बेटे हारून बिलौर सहित कई अन्य, धार्मिक विद्वान और पूर्व सीनेटर मौलाना समीउल हक, एमक्यूएम के सैयद अली रजा आबिदी और इस तरह के हमलों में पीटीआई के सरदार सोरन सिंह भी मारे गए थे। इमरान खान की तरह, पीएमएल-एन के मौजूदा योजना मंत्री अहसान इकबाल भी हत्या के प्रयास में बच गए।

27 दिसंबर, 2007 को हुई थी बेनजीर भुट्टो की हत्या 

बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर, 2007 को एक आत्मघाती हमलावर ने तब हत्या कर दी थी जब वो रावलपिंडी में एक चुनावी रैली कर रही थी। उनके भाई की उनके कार्यकाल के दौरान 20 सितंबर, 1996 को कराची में उनके घर के पास पुलिस मुठभेड़ में छह सहयोगियों के साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जहूर इलाही की 1981 में लाहौर में कथित तौर पर मुर्तजा भुट्टो के नेतृत्व वाले एक आतंकवादी संगठन अल-जुल्फिकार ने हत्या कर दी थी। इसने हमले की जिम्मेदारी ली थी।

खानजादा की 16 अगस्त, 2015 को शादीखान, अटक में उनके राजनीतिक कार्यालय पर एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। एक आतंकवादी समूह, लश्कर-ए-झांगवी ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी। 2 मार्च, 2011 को, बंदूकधारियों ने भट्टी की हत्या कर दी थी, जिन्होंने ईशनिंदा कानून के बारे में बात की थी और देश के संकटग्रस्त अल्पसंख्यकों के अधिकारों का समर्थन किया था।

पेशावर के किस्सा खवानी बाजार इलाके में एक आत्मघाती विस्फोट में दिसंबर 2012 में केपी के वरिष्ठ मंत्री बशीर अहमद बिलौर और आठ अन्य लोगों की मौत हो गई थी। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने उस विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। 10 जुलाई, 2018 को पेशावर में एक पार्टी की बैठक के दौरान एक आत्मघाती बम विस्फोट में उनके बेटे की मौत हो गई थी।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement