पाकिस्तान का राजनीतिक ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर अपनी गिरफ्तारी का खतरा सता रहा है। पिछले सप्ताह इमरान खान के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हुए हिंसक झड़प मामले में उनकी गिरफ्तारी की आशंका पुनः बढ़ गई है। इमरान खान के घर को पुलिस ने चारों तरफ से घेरा हुआ है।
पंजाब प्रांत के एक मंत्री ने दावा किया कि इमरान खान ने उन दर्जनों लोगों को अपने घर में शरण दी है, जिन्होंने राज्य और मिलिट्री पुलिस पर हमला किया था। हालांकि इमरान खान सरकार के इन आरोपों को कई बार खारिज कर चुके हैं। इमरान खान को आज वृहस्पतिवार को दोपहर 2 बजे के पहले समर्थकों को पुलिस के हवाले करने की अंतिम चेतावनी दी गई थी। ऐसा नहीं होने पर खान की दोबारा गिरफ्तारी हो सकती है। इससे पहले बुधवार को भी देर तक पाकिस्तान पुलिस ने पूर्व पीएम के घर को घेर रखा था।
हाल के दिनों में पाक सेना ने आर्मी पर हमला करने वालों की पहचान इमरान खान के समर्थकों के तौर पर होने के बाद इस हमले की कड़ी निंदा की थी। वहीं इमरान खान अपनी गिरफ्तारी के पीछे पाक सेना प्रमुख को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। ऐसे में इमरान खान और पाक सेना व स्थानीय पुलिस के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है।
इमरान ने कहा मेरी पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को किया जा चुका गिरफ्तार
इमरान खान ने कहा कि पिछले 27 वर्षों में जब से मेरी पार्टी का अस्तित्व है, तब से हम या हमारी पार्टी किसी हिंसक घटना में शामिल नहीं हुई है। इसके बावजूद अब तक हमारे 7500 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मेरी पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता गिरफ्तार कर लिए गए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की न्यायिक आयोग बनाकर जांच कराने की मांग की है, जिसमें उन पर और उनके समर्थकों पर राज्य पुलिस व सेना पर हिंसक हमले के आरोप लगाए गए हैं।
लाहौर पुलिस ने इमरान की आशंका को बताया निराधार
लाहौर पुलिस के एक अधिकारी ने इमरान खान द्वारा पुनः गिरफ्तार किए जाने की आशंका को निराधार बताते हुए कहा है कि यह सुरक्षा बलों की सामान्य और नियमित तैनाती है। इमरान के घर के बाहर पहले से ही भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी है। यह दो हफ्ते पहले हुई उनकी गिरफ्तारी से पहले की है। बता दें कि बुधवार को इमरान खान ने देश को संबोधित करके अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी। साथ ही यह भी कहा था कि हो सकता है गिरफ्तारी से पहले ये उनके आखिरी शब्द हों। इस संबोधन के बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया था।