लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को में लाहौर उच्च न्यायालय में सबसे बड़ी जीत मिली है। इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई पाकिस्तान चुनावों में जिस धांधली का आरोप लगाते रहे हैं, वह हाईकोर्ट में 2 मामलों में सही साबित हुए हैं। पीटीआई की याचिका और दलीलों को सही मानते हुए लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के दो संसदीय क्षेत्रों में विजयी घोषित किए गए उम्मीदवारों की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इससे पीटीआई और इमरान खान के खेमें में खुशी की लहर दौड़ गई है।
बता दें कि लाहौर हाईकोर्ट की अलग-अलग पीठों ने पंजाब प्रांत की दो संसदीय सीटों - गुजरांवाला और लोधरान से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) के दो उम्मीदवारों की नेशनल असेंबली में हुई जीत की अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इस तरह पीएमएल पार्टी ने दोनों सीटों को गंवा दिया है। ‘डॉन’ न्यूज की खबर के मुताबिक, मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शाहिद करीम ने नेशनल असेंबली-81 (गुजरांवाला) से जीते अजहर कय्यूम नाहरा के खिलाफ एक आदेश पारित किया। न्यायाधीश ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली पीटीआई द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार चौधरी बिलाल इजाज की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
जीते उम्मीदवार को हराने का था आरोप
इजाज के वकील ने मंगलवार को दलील दी कि उनके मुवक्किल को शुरू में 7,791 वोटों से निर्वाचित घोषित किया गया था, लेकिन पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने प्रतिवादी नाहरा के अनुरोध पर दोबारा गिनती में उन्हें (नाहरा) 3,100 वोटों के अंतर से विजयी घोषित कर दिया। वकील ने कहा कि दोबारा मतगणना में याचिकाकर्ता के कम से कम 10,000 वोट रद्द घोषित किये गये। इस बीच, लाहौर उच्च न्यायालय की बहावलपुर पीठ ने भी ऐसे ही एक मामले में एनए-154 लोधरान से पीएमएल-एन सांसद अब्दुल रहमान कंजू को पद से हटा दिया और पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार राणा फराज नून को विजेता घोषित किया। (भाषा)
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