लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आशंका जताई है कि जेल में उन्हें धीमा जहर देकर उनकी जान लेने की एक और कोशिश की जा सकती है। इमरान ने कहा कि देश छोड़ने से इनकार कर देने के बाद उनको रास्ते से हटाया जा सकता है। खान ने अपने परिवार द्वारा साझा किये गए एवं शुक्रवार को ‘X’ पर पोस्ट किये गए संदेश में कहा,‘चूंकि, मैं अपना देश छोड़ने के लिए सहमत नहीं होऊंगा, इसलिए वे जेल में मेरे बंद रहने के दौरान मेरी जान लेने की एक और कोशिश कर सकते हैं। इस तरह की कोशिश धीमा जहर देकर भी की जा सकती है।’
‘मेरे शरीर में बदलाव हुआ तो मुझे महसूस होगा’
71 साल के इमरान खान गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक मामले में अडियाला जेल में बंद है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख ने कहा कि इस वक्त वह पूरी तरह से ठीक हैं। उन्होंने कहा,‘यदि कमजोरी के कारण मेरे शरीर में बदलाव होगा तो यह मुझे महसूस होगा। लेकिन वे मेरी जान लेने की सरेआम 2 कोशिशें कर चुके हैं।’ खान ने यह दावा ऐसे दिन किया है, जब पाकिस्तान में एक अदालत ने राजनयिक दस्तावेज मामले में उनकी जमानत याचिका और पहली FIR रद्द करने की अपील खारिज कर दी। उनपर पिछले साल मार्च में वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गए एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज को लीक करने का आरोप है।
‘फर्जी हैं मेरे खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामले’
पाकिस्तान की एक स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को उन्हें उनके करीबी सहयोगी एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ मामले में अभ्यारोपित किया। खान ने अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों को पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि ये मामले गढ़े हुए हैं और चुनाव तक, या उसके बाद की एक विशेष अवधि तक उन्हें जेल में रखने के मकसद से दर्ज किये गये हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश ने कानून का माखौल देखा है और उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) प्रमुख एवं 3 बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ अक्सर लगाये आरोपों को दोहराया।
21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटे हैं नवाज शरीफ
इमरान खान ने पोस्ट में कहा,‘आज जो कुछ हो रहा है वह महज लंदन समझौते का क्रियान्वयन नहीं है। लंदन समझौते पर एक कायर भगोड़े और भ्रष्ट अपराधी तथा उन्हें बढ़ावा देने वालों (आर्मी इस्टैब्लिशमेंट के एलिमेंट्स) ने हस्ताक्षर किये हैं। दोषी करार दिये गए अपराधी (नवाज) को राजनीति में लौटने की अनुमति देने का एकमात्र रास्ता सरकारी संस्थाओं को बर्बाद करके क्लीन चिट दिया जाना है। इस तरह, जो कुछ हम देख रहे हैं वह हमारी न्याय प्रणाली का पूरी तरह से ध्वस्त हो जाना है।’ नवाज शरीफ लंदन में 4 साल स्व-निर्वासन में रहने के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौट आए हैं।