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इमरान ने आर्मी चीफ बाजवा के कार्यकाल को विस्तार देने में जान-बूझकर देरी की: शहबाज शरीफ

इमरान खान वर्ष 2018 में देश की सत्ता संभालने के बाद सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा का सामना करने जा रहे हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : March 23, 2022 17:59 IST
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Image Source : FILE Shahbaz Sharif and Imran Khan.

Highlights

  • शहबाज शरीफ ने दावा किया कि इमरान खान ने जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को विस्तार देने में जान-बूझकर देरी की।
  • नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शरीफ ने कहा कि इमरान खान चाहते थे कि आर्मी चीफ की नियुक्ती की प्रक्रिया पर 'विवाद' उठें।
  • शरीफ ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने हमेशा सेना का सम्मान किया।

इस्लामाबाद: नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने बुधवार को दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने वर्ष 2019 में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल को विस्तार देने में जान-बूझकर देरी की ताकि प्रक्रिया पर 'विवाद' उठें। शहबाज शरीफ के इस बयान के बाद पाकिस्तान की सियासत में उबाल आ गया है। डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, शरीफ ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने हमेशा सेना का सम्मान किया जबकि सैन्य बलों को निशाना बनाने वाले एक सोशल मीडिया अभियान के पीछे खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का हाथ था।

मुश्किल में है पीएम इमरान खान की कुर्सी

शहबाज शरीफ का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब इमरान खान वर्ष 2018 में देश की सत्ता संभालने के बाद सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा का सामना करने जा रहे हैं। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिसे लेकर शुक्रवार को संसद का सत्र बुलाया गया है। खबर के मुताबिक, शरीफ ने कहा कि जब 2019 में प्रधानमंत्री खान ने सेना प्रमुख के कार्यकाल को विस्तार देने का प्रयास किया था, तब अधिसूचना में 3 बार संशोधन किया गया था। हालांकि, शरीफ ने स्वीकार किया कि उनके पास अपने दावे की पुष्टि करने के लिए कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।

PML-N और PPP ने दिया था अविश्वास प्रस्ताव
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 25 मार्च को सदन का सत्र बुलाने की रविवार को घोषणा की। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से इमरान की यह सबसे कठिन राजनीतिक परीक्षा होगी। PML-N और PPP के करीब 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेम्बली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है। नेशनल असेम्बली सचिवालय ने रविवार को अधिसूचना जारी कर अहम सत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी।

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