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आतंकियों के आरडीएक्स को मात देगा आइडीईएक्स, रक्षामंत्री ने भारत को बताया दुनिया का ‘‘प्रकाश पुंज’’

आविष्कार और नवाचार में नित तरक्की के नए आयाम गढ़ रहा हिंदुस्तान अब दुनिया के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रहा है। देश में आइडीईएक्स से आतंकियों का आरडीएक्स यानि कि गोला-बारूद, डेटोनेटर इत्यादि मात खाने लगा है। यहां आइडीईएक्स का मतलब इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सीलेंस से है, जहां नए-नए उन्नत आविष्कारों ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: February 15, 2023 16:16 IST
राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री, भारत- India TV Hindi
Image Source : PTI राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री, भारत

नई दिल्ली। आविष्कार और नवाचार में नित तरक्की के नए आयाम गढ़ रहा हिंदुस्तान अब दुनिया के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रहा है। देश में आइडीईएक्स से आतंकियों का आरडीएक्स यानि कि गोला-बारूद, डेटोनेटर इत्यादि मात खाने लगा है। यहां आइडीईएक्स का मतलब इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सीलेंस से है, जहां नए-नए उन्नत आविष्कारों ने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर आकर्षित कराया है। वहीं आरडीएक्स यानि रिसर्ड डिपार्टमेंट एक्सप्लोसिव एक ऐसा खतरनाक विस्फोटक है, जो देखते ही देखते बड़ी-बड़ी इमारतों, पुलों, ढांचों और वाहनों व पहाड़ों को पलक झपकते ही उड़ा देता है। मगर अब आतंकियों की ओर से इस्तेमाल होने वाले इस आरडीएक्स पर भारत की आइडीएक्स तकनीकि भारी पड़ने लगी है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को विश्वास जताया कि भारत जल्द ही नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल होगा और पूरी दुनिया के लिए ‘‘प्रकाश पुंज’’ के रूप में उभरेगा। बेंगलुरु में ‘एयरो इंडिया’ के दौरान वार्षिक रक्षा नवाचार कार्यक्रम 'मंथन' का उद्घाटन करने के बाद सिंह ने कहा, ‘‘यदि हमें अगली पीढ़ी की औद्योगिक क्रांति लानी है, तो हमें या तो नयी चीजें करनी चाहिए, या मौजूदा चीजों को नये तरीके से करने की कोशिश करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमें विकास करना है, तो हमें प्रतिस्पर्धा को फिर से परिभाषित करना होगा। अगर हम पुरानी तकनीकों और पुरानी व्यवस्थाओं के साथ आगे बढ़ने के बारे में सोचेंगे, तो हम हमेशा उन देशों (विकसित) से दो सदी पीछे रहेंगे। इसलिए आज यह आवश्यक है कि हम नये तरीके से सोचें और उसी के अनुसार आगे बढ़ें।’’ उन्होंने सुझाव दिया कि जो पारंपरिक चीजें चल रही हैं, उनके साथ हमें कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए।

यूपीआइ की नई तकनीकि ने दुनिया में बनाया मुकाम

रक्षामंत्री ने कहा कि नवाचार का एक बड़ा उदाहरण देश में विकसित यूपीआइ भुगतान पद्धति है। उन्होंने कहाकि इस सब का अभिप्राय यह है कि हमें नवाचार करना चाहिए। नवाचार का मतलब नये तरीके से सोचना जो आप जैसे युवा अच्छी तरह से कर सकते हैं।‘‘यदि हमें अन्य देशों से आगे बढ़ना है, तो ‘‘नये लोगों’’ और ‘स्टार्ट-अप’ को आगे आना आवश्यक है। उनके विचार में, स्टार्ट-अप का अर्थ है नयी ऊर्जा, नयी प्रतिबद्धता और नया उत्साह। उन्होंने भारत के आजाद होने पर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के ''नियति से साक्षात्कार'' भाषण की ओर इशारा करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद आज हमें ‘अपनी नियति बनाने’ के रास्ते पर आगे बढ़ने का मौका मिला है। सिंह ने कहा, ‘‘अब से हमारा मंत्र ‘अपनी नियति बनाना’ होना चाहिए, यानी हम अपने प्रयास, क्षमता और संकल्प के साथ अपना भाग्य बनाने की ओर आगे बढ़ें।

25 वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना लक्ष्य

हमारी नियति आने वाले 25 वर्षों में दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनना है। हमारी नियति दुनिया की विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनना है।’’ उन्होंने कहा, 'अमृत काल' इसके लिए सबसे अच्छा समय है और युवा देश के भाग्य के सर्वश्रेष्ठ निर्माता हैं। ‘इनोवेशंस फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) द्वारा आयोजित मंथन मंच रक्षा और एयरोस्पेस इकोसिस्टम के प्रमुख ‘इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप, एमएसएमई, इनक्यूबेटर्स, शिक्षाविदों और निवेशकों’ को एक ही छत के नीचे लाता है। सात-आठ साल पहले देश में स्टार्ट-अप की संख्या इतनी थी कि उन्हें अंगुलियों पर गिना जा सकता था, लेकिन आज इनकी संख्या एक लाख से ज्यादा हो गई है।

युवाओं ने बनाए 100 से अधिक यूनिकॉर्न

रक्षामंत्री ने कहा कि देश के युवाओं द्वारा सौ से अधिक ‘यूनिकॉर्न’ स्थापित किए गए हैं।  यह न केवल हमारे देश में नव निर्मित स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को बताता है, बल्कि हमारे युवाओं में नये उत्साह और कुछ नया करने के जुनून को भी दर्शाता है। युवाओं में नये नवोन्मेष और नवोन्मेष की भावना के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि जल्द ही हमारा देश नवोन्मेष के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल होगा और अतीत की तरह भविष्य में भी भारत पूरी दुनिया के लिए प्रकाश पुंज बनकर उभरेगा।’’ उन्होंने कहा कि आईडीईएक्स ने अब तक सैकड़ों नवोन्मेषकों को बाजार में पेश किया है।

 

उन्होंने कहा कि इस प्रकार हजारों कुशल और अर्ध-कुशल भारतीयों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन में मदद मिली है। मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने आईडीईएक्स स्टार्ट-अप और एमएसएमई से खरीद के लिए एक सरलीकृत और त्वरित प्रक्रिया को भी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आईडीईएक्स ने रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के रास्ते खोल दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नये उद्यमियों को बड़ी परियोजनाओं के विकास के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, हमने अब तक दिए गए अनुदान को बढ़ाने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह हमारे नवोन्मेषकों और स्टार्ट-अप की कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रोत्साहन के लिए सरकार के समर्थन को दर्शाता है।

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