Indian Ambassador In France Jawed Ashraf Exclusive Interview: पेरिस ओलंपिक खेलों का समापन हो गया है। भारत ने इस मेगा इवेंट में 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल समेत 6 पदक जीते हैं। फ्रांस में भारतीय राजदूत ने जावेद अशरफ ने ओलंपिक खेलों को लेकर खुलकर बात की है। भारतीय राजदूत ने भारतीय खिलाड़ियों, भारतीय हॉकी टीम, पेरिस में मौसम और भारत सरकार के प्रयासों पर इंडिया टीवी के स्पोर्टस एडिटर समीप राजगुरू के साथ बातचीत में तमाम दिलचस्प बातें कही हैं। इंटरव्यू में जावेद अशरफ ने क्या कहा चलिए आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताते हैं।
'ऐसा लगा पूरी दुनिया पेरिस में आकर बस गई है'
ओलंपिक खेलों में भारत के प्रदर्शन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में फ्रांस में भारतीय राजदूत ने जावेद अशरफ ने कहा कि या एक यूनिक सा ओलंपिक था। यह शहर के बीच में था तो दर्शकों को एक अलग सा अनुभव हुआ। पूरी दुनिया में इस ओलंपिक की सराहना की जा रही है। इस ओलंपिक में कई समस्याएं भी थीं। लॉजिस्टिक की समस्या थी, सिक्योरिटी की समस्या थी, मौसम की चुनौती थी इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए यह बहुत ही सफल ओलंपिक रहा। दर्शकों ने इसका पूरा आनंद लिया। एथलीट्स का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा, कई एथलीट्स ने यहां रिकॉर्ड तोडे और एरीना भरे हुए थे। ऐसा लग रहा था कि पूरी दुनिया पेरिस में आकर बस गई है। हर देश के लोग अपने एथलीट्स के साथ-साथ दूसरे देशों के एथलीट्स को भी चीयर कर रहे थे। अशरफ ने कहा कि ओलंपिक हर चार साल बाद होता है और इस बात का एहसास दिलाता है कि एक अलग तरह की दुनिया बनाई जा सकती है। इसमें हम एक दूसरे के साथ मुकाबला कर सकते है लेकिन साथ खड़े भी हो सकते हैं। ओलंपिक खेलों को लेकर यही सबसे बड़ा अनुभव रहा।
'पीएम मोदी की तरफ से था क्लियर मैसेज'
पेरिस में इस बार मौसम काफी गर्म रहा है ऐसे में खिलाड़ियों को कैसे सुविधाएं दी गईं इस सवाल के जवाब में भारतीय राजदूत ने कहा कि यह एक टीमवर्क होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से क्लियर मैसेज रहा है कि हमें हर तरह की ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि हमारे एथलीट्स को कंफर्ट रहे, कन्वीनियंस रहे और उनका ध्यान ट्रेनिंग और परफॉर्मेंस पर ही रहे। तो शुरू से हम लोगों ने एक-दो साल से स्पोर्टस मिनिस्ट्री के साथ, स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ, ओलंपिक एसोस्एशन के साथ मिलकर काफी कोऑर्डिनेशन की है। हम यहां मौजूद हैं तो हमें इस जगह का अनुभव है। जब भी स्पोर्टस मिनिस्ट्री या इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की तरफ से कोई भी रिक्वेस्ट आती रही तो हम हम उसे फॉलो करते रहे। अपने सुझाव भी देते रहे, सलाह भी देते रहे, हर प्रकार की कॉर्डिनेशन करते रहे।
'यह एक यात्रा है'
भारतीय राजदूत ने जावेद अशरफ ने कहा कि यह पहली बार हुआ जब एक तरफ ओलंपिक में भारत के कैंप में डॉक्टर्स, फीजियो, स्लीप स्पेशलिस्ट, स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट थे दूसरी तरफ हर तरह के इक्विपमेंट्स थे। इस तरह की हर प्रकार की व्यवस्था हमने की। गर्मी बहुत थी तो ऐसे में जैसे की दिल्ली से हमें निर्देश मिले तो हमले कुछ ही घंटों में 40 एसी का इंतजाम कर दिया। हॉकी टीम को एक स्ट्रैटजी रूम बनाना था जिसमें उन्हें कई चीजें चाहिए थीं। स्ट्रैटजी के साथ मोटिवेशन के लिए कुछ पोस्टर भी लगाने थे तो हमने करीब-करीब सारा इंतजाम किया था। हॉकी टीम के साथ कोच ने बहुत अच्छा काम किया और टीमवर्क बहुत अच्छा था। प्रधानमंत्री ने इस सब पर बहुत बल दिया। इंडिविजुअल एथलीट्स अपनी टीम लेकर आए थे। पर्सनल कोच, पर्सनल फीजियो, पर्सनल न्यूट्रिशनिस्ट उन सबका इंतजाम भारत सरकार, स्पोर्टस अथॉरिटी ऑफ इंडिया, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की तरफ से किया गया था। कितने मेडल दिए इसको इस तरह से ना देखें, यह एक यात्रा है जो पिछले कुछ समय में शुरू हुई है। पिछले कुछ ओलंपिक में 100 से ज्यादा एथलीट ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर रहे हैं और यह अपने आप में एक उपलब्धि है। एथलीट्स की एवरेज परफॉर्मेंस अच्छी हुई है। हमें एक इको सिस्टम तैयार करना होगा।
'आज से 2028 के बारे में सोच रहा हूं'
भारतीय एंबेसी का ओलंपिक में इन्वॉल्वमेंट कब से शुरू हो गया था इस सवाल के जवाब में फ्रांस में भारतीय राजदूत ने जावेद अशरफ ने कहा कि एक साल से तो ऊपर हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि स्पोर्टस अथॉरिटी और इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को और पहले से शुरुआत करनी चाहिए। भारतीय राजदूत ने कहा कि हलांकि हमने काफी पहले से शुरुआत की लेकिन और पहले से शुरुआत की जानी चाहिए। मैं आज से 2028 के बारे में सोच रहा हूं, ये नहीं है कि हम 2027 में जाकर इस बारे में सोचना शुरू करें। ट्रेनिंग और प्लानिं पर अभी से फोकस करना होगा।
नीचे वीडियो में आप पूरा इंटरव्यू देख सकते हैं।