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तालिबान के राज में कैसे बीते अफगानों के 6 महीने? आ गई ताजा रिपोर्ट

वर्ष 1990 के दशक के अंत में पिछले तालिबान शासन के दौरान लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी गई थी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 15, 2022 20:01 IST
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Image Source : AP FILE Taliban fighters patrol in Kabul, Afghanistan, Thursday, Aug. 19, 2021.

Highlights

  • अफगानिस्तान से हजारों लोग पलायन कर चुके हैं या फिर उन्हें वहां से निकाल लिया गया है।
  • विदेशी सहायता के बूते चलने वाली अफगान अर्थव्यवस्था अब पतन की तरफ बढ़ती दिख रही है।
  • अफगानिस्तान के लोग अब खुद को सुरक्षित मानने के साथ दशकों बाद हिंसा में कमी महसूस कर रहे हैं।

काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान राज के 6 महीने पूरे होने के दौरान कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अफगानिस्तान के लोग अब खुद को सुरक्षित मानने के साथ दशकों बाद हिंसा में कमी महसूस कर रहे हैं। लेकिन कभी विदेशी सहायता के बूते चलने वाली अफगान अर्थव्यवस्था अब पतन की तरफ बढ़ती दिख रही है। अफगानिस्तान से हजारों लोग पलायन कर चुके हैं या फिर उन्हें वहां से निकाल लिया गया है। इसमें शिक्षित अभिजात्य वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है। ये लोग अपने आर्थिक भविष्य या स्वतंत्रता के अभाव को लेकर डरे हुए हैं।

सड़कों पर लौट आई हैं महिलाएं

वर्ष 1990 के दशक के अंत में पिछले तालिबान शासन के दौरान लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी गई थी। मंगलवार को अफगानिस्तान में तालिबान राज के 6 महीने पूरे हो गए। अमेरिका समर्थित अफगान राष्ट्रपति अचानक और गुप्त तरीके से काबुल छोड़कर चले गए थे। प्रांतों पर नियंत्रण के लिए चले एक महीने के लंबे सैन्य अभियान के बाद तालिबान ने काबुल पर भी कब्जा कर लिया। हालांकि आज भी सड़कों पर घूमते सशस्त्र तालिबान लड़ाकों का दृश्य लोगों को डराता है, लेकिन महिलाएं सड़कों पर लौट आई हैं।

वेस्टर्न कपड़े पहनने लगे हैं युवा
युवकों ने शुरू में पारंपरिक पायजामा-कमीज पहनने के लिए पश्चिमी परिधानों से पल्ला झाड़ लिया था, लेकिन युवा अब दोबारा पश्चिमी परिधान पहनने लगे हैं। हालांकि तालिबान लंबी कमीज और जेबदार पतलून का समर्थक है। 1990 के दशक के विपरीत तालिबान कुछ महिलाओं को काम करने की अनुमति दे रहा है। महिलाएं स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालयों के साथ-साथ काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नौकरी पर वापस आ गई हैं। लेकिन दूसरे मंत्रालयों में महिलाएं अब भी काम पर लौटने की प्रतीक्षा कर रही हैं। आर्थिक मंदी के दौर में हजारों नौकरियां चली गई हैं और महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

कक्षा 1 से 6 तक की लड़कियां स्कूल जा रही हैं
सोमवार को वैलेंटाइन्स डे पर दिल के आकार के फूल बेचने वाले कुछ युवकों को हिरासत में लेने से यह स्पष्ट हो जाता है कि केवल पुरुषों द्वारा संचालित तालिबान प्रशासन प्रेम के मामले में पश्चिमी विचारों के प्रति सहिष्णु नहीं है। कक्षा एक से 6 तक की लड़कियां स्कूल जा रही हैं। लेकिन ज्यादातर हिसों में इससे ऊपर की कक्षाओं की छात्राएं अब भी घरों में बंद हैं। तालिबान ने वादा किया था कि मार्च के अंत में अफगान नव वर्ष के बाद सभी छात्राएं स्कूल जाएंगी। विश्वविद्यालय धीरे-धीरे फिर से खुल रहे हैं और निजी विश्वविद्यालय और स्कूल तो कभी बंद ही नहीं हुए।

बैंकों के सामने लग रहीं लंबी लाइनें
गरीबी का आलम यह है कि बैंकों में लंबी-लंबी कतारें लगी हैं, लोगों को अपना ही पैसा निकालने के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है। वे एक सप्ताह में अधिकतम 200 डॉलर ही निकाल सकते हैं। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की 9 अरब डॉलर से ज्यादा की विदेशी संपत्ति जब्त कर ली गई थी। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति जो बायडेन ने वादा किया कि 3.5 अरब डॉलर (अमेरिका में जमा अफगानिस्तान के 7 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति में से) अमेरिका के 9/11 पीड़ितों के परिवारों को दिए जाएंगे और बाकी के 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर अफगान सहायता के लिए मुक्त किए जाएंगे।

‘अफगानिस्तान का पैसा ले रहा अमेरिका’
अफगानी राजनेताओं ने अमेरिका के निर्णय की निंदा करते हुए आरोप लगाया है कि वह अफगानिस्तान के हिस्से के पैसे ले रहा है। अंतरराष्ट्रीय संकट समूह के एशिया प्रोग्राम के एक वरिष्ठ सलाहकार ग्रीम स्मिथ ने प्रतिबंधों के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि इसका असर उल्टा होगा। उन्होंने कहा, ‘तालिबान पर आर्थिक दबाव बरकरार रखने से उनके शासन से छुटकारा नहीं मिलेगा, लेकिन एक ढहती अर्थव्यवस्था के कारण और अधिक लोग पलायन कर सकते हैं, जिससे एक और पलायन संकट पैदा हो सकता है।’ (भाषा)

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