Pakistan News: पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति कैसी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां सिंध के हिंगलाज माता मंदिर को तोड़ा गया है। कोर्ट के आदेश के बाद हिंदू मंदिर तोड़े जाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान वहां मौजूद हिंदू समुदाय ने नारे लगाए और मंदिर तोड़े जाने का तीव्र विरोध किया। पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों के साथ ऐसे अभियान पहले भी होते रहे हैं। वहीं हिंदू और सिख समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमलों की घटनाओं पर पाकिस्तान की सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाते। सरकार मूकदर्शक बनी रहती है। इससे हिंदुओं के साथ ही सिख धर्म के लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं।
ताजा मामले में पाकिस्तान में एक बार फिर मानवाधिकार उल्लंघन का मामला देखने को मिला है। पाकिस्तान में अधिकारियों ने कथिततौर पर एक हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। इसके तहत सिंध प्रांत के हिंगलाज माता मंदिर को कोर्ट के आदेश के बाद तोड़ने कार्रवाई की गई है। थारपारकर जिले के अधिकारियों ने मीठी शहर में इस मंदिर को तोड़ने के लिए एक अदालती आदेश का हवाला दिया। गौरतलब है कि मीठी शहर पाकिस्तान का हिंदू बहुल इलाका है। यहां बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं। हिंदू बहुल मीठी शहर को देखने के लिए पूरे पाकिस्तान से लोग आते हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुरक्षा के आदेश के बावजूद तोड़ा गया मंदिर
CNN न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एलओसी यानी लाइन आफ कंट्रोल के पास हिंदुओं के एक और धार्मिक स्थल, शारदा पीठ मंदिर को तोड़ा गया। इस मंदिर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुरक्षा के आदेश के बावजूद तोड़ा गया। मंदिर के करीब एक कॉफी हाऊस बनाया जा रहा है, जिसका उद्घाटन इसी साल होना है। पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाला यह अत्याचार कोई नई घटना नहीं है। यहां रहने वाले हिंदुओं को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
पहले भी तोड़े गए मंदिर
रिपोर्ट के मुताबिक यूनेस्को साइट होने के बावजूद शारदा पीठ ध्वस्त होने से नहीं बच पाया है। यह विध्वंस पाकिस्तान में सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा को लेकर सवाल उठाता है। इससे पहले जुलाई में भी एक मंदिर को तोड़ दिया गया था। कराची में मरीमाता का मंदिर जमींदोज कर दिया गया था। मंदिर को ध्वस्त तब किया गया, जब पूरे इलाके में लाइट नहीं थी। बाहरी दीवार और गेट को छोड़कर अंदर का पूरा ढांचा तोड़ दिया गया था।