Monday, January 13, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. पाकिस्तान में मौजूद है भगवान शिव के आंसुओं से बना कुंड, महाभारत काल से भी है नाता; बना है भव्य मंदिर

पाकिस्तान में मौजूद है भगवान शिव के आंसुओं से बना कुंड, महाभारत काल से भी है नाता; बना है भव्य मंदिर

पाकिस्तान में एक ऐसा भी मंदिर है, जो हजारों साल पुराना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसका महाराभारत काल से भी नाता रहा है। यहां एक कुंड भी मौजूद जो भगवान शिव के आंसुओं से बना है।

Edited By: Amar Deep
Published : Oct 14, 2024 23:36 IST, Updated : Oct 14, 2024 23:37 IST
भगवान शिव के आंसुओं से बना कुंड।
Image Source : SOCIAL MEDIA भगवान शिव के आंसुओं से बना कुंड।

भारत में हर जिले, हर शहर और हर गांव में कोई ना कोई मंदिर जरूर देखने को मिल जाएगा, लेकिन आज हम भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान में मौजूद एक मंदिर की बात करने वाले हैं। ये मंदिर कोई आम मंदिर नहीं बल्कि भगवान शिव से जुड़ी मान्यताओं वाला मंदिर है। मंदिर की प्राचीनता का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके महाभारत काल से भी जुड़ी कथाएं सुनने को मिलती हैं। ये मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से करीब 40 किलोमीटर दूर और लाहौर से करीब 280 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है।

माता सती की याद में गिरे भगवान शिव के आंसू

हम पाकिस्तान के जिस मंदिर की बात कर रहे हैं उसका नाम कटासराज मंदिर है। हिंदुओं के लिए यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां हर साल हिंदू दर्शन पूजन के लिए जाते हैं। मान्यता है कि माता सती की याद में जब भगवान शिव के आंसू गिरे तो वह इसी स्थान पर गिरे, जिसके बाद यहां कुंड बन गया था। यहां पर एक कुंड मौजूद है, जिसके आस पास कई सारे मंदिर हैं, जिन्हें कटासराज मंदिर कहा जाता है। 

कुंड के पास मौजूद है मंदिर

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव और देवी सती यहां पर रहते थे। अपने ही पिता के द्वारा आयोजित कराए यज्ञ में जब अपमान के बाद देवी सती ने आत्मदाह कर लिया तो भगवान शिव इससे बहुत ज्यादा आहत हुए। मान्यता है कि भगवान शिव के रोने की वजह से उनके आंसुओं से कटासराज में एक कुंड बन गया। इसे कटाक्ष कुंड भी कहा जाता है। कटास का अर्थ आंखाें में आंसू से होता है। आज इस कुंड के आसपास कटासराज मंदिर मौजूद है। 

महाभारत काल से संबंध

मान्यता है कि महाभारत काल में जब पांडव अपना जब कुछ हारने के बाद वनवास पर निकले थे यहां भी मंदिर के पास वह कुछ दिन तक ठहरे थे। यहीं पर जब द्रोपदी को प्यास लगी तो पांडव कटाक्ष कुंड से पानी लेने गए थे। उस समय इस कुंड पर यक्ष का अधिकार था। यक्ष ने पांडवों से सवाल किए, जब 4 पांडवों ने बिना जवाब दिए कुंड का जल पी लिया, तो वह मूर्छित हो गए थे। आखिरी में युधिष्ठिर ने जब अपने भाइयों को मूर्छित देखा तो यक्ष के सवालों का सही जवाब दिया था, जिसके बाद यक्ष ने चारों पांडवों को ठीक कर दिया था।

(यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। India TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

यह भी पढ़ें- 

जब अटल जी ने दहेज में मांग लिया था पूरा पाकिस्तान, किस्सा है मजेदार

ये है पाकिस्तान का हाल, जानिए कट्टरपंथियों के दबाव में पुलिस ने अहमदियों के साथ क्या किया

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement