बता दें कि नवाज को इन मामलों में 2018 में दोषी ठहराया गया था। शरीफ (73) ने एवेनफील्ड संपत्ति और अल-अजीजिया मामलों में अपनी सजा को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की दो सदस्यीय पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को जुलाई, 2018 में दोषी ठहराया गया था।
नवाज को हुई थी 10 और 7 वर्ष की सजा
नवाज को लंदन में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति से संबंधित एवेनफील्ड संपत्ति भ्रष्टाचार मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। जबकि दिसंबर, 2018 में अल-अजीजिया स्टील मिल्स मामले में 7 साल की सजा हुई थी। राष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा ये मामले दायर किए गए थे। उन्होंने दोनों मामलों में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर की थी। शरीफ 2019 में लंदन गये थे और वापस नहीं आए थे और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने दिसंबर, 2020 में दोनों मामलों में उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। वह लगभग चार साल के स्व-निर्वासन के बाद पिछले महीने स्वदेश वापस आए थे। (भाषा)
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