बेरूत: लेबनान के आतंकी समूह हिजबुल्लाह के नेता ने कहा है कि सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता का पतन होने के बाद उसकी मुख्य आपूर्ति लाइन कट गई है, लेकिन वह हथियार लाने के अन्य तरीके खोज सकता है। हिजबुल्लाह असद का मुख्य समर्थक था और उसने पिछले दशक में हजारों लड़ाके सीरिया भेजे थे। दशकों तक हिजबुल्लाह ईरान से हथियारों के लिए एक माध्यम के रूप में सीरिया पर निर्भर रहा है।
हिजबुल्लाह नेता ने क्या कहा?
बशर अल-असद की सत्ता का पतन होने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में हिजबुल्लाह नेता नईम कासेम ने कहा कि समूह की सीरिया से होकर गुजरने वाली सैन्य आपूर्ति लाइन कट गई है। हिजबुल्लाह नेता ने कहा कि वहां का नया प्राधिकरण इस मार्ग को बहाल कर सकता है, ‘‘अन्यथा हम अन्य तरीके ढूंढ़ सकते हैं।’’
ईरान ने कही थी ये बात
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, हाल ही में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि सीरिया में बशर अल-असद सरकार का पतन सहित वहां का हालिया घटनाक्रम अमेरिका और इजरायल की संयुक्त योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि सीरिया में जो कुछ हुआ है वह अमेरिकी और यहूदी (इजरायल के संदर्भ में) योजना का परिणाम है। उन्होंने दावा किया था कि हमारे पास सबूत हैं, और यह सबूत संदेह की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता।
ईरान के लिए झटका है असद का पतन
ईरान को सीरिया की बशर अल-असद की सरकार का बड़ा सहयोगी माना जाता था। ईरान सीरिया को लड़ने के लिए हथियार, सैन्य साजो-सामान और सेना को ट्रेनिंग देकर असद की मदद करता था। सीरिया में असद सरकार का पतन ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। (एपी)
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