नई दिल्लीः क्या ईरान वाकई परमाणु बम बनाने के करीब पहुंच चुका है?...अमेरिका की खुफिया एजेंसियों समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) की भी इस पर नजर है। अमेरिका लंबे समय से ईरान पर परमाणु समझौते का दबाव बना रहा है, लेकिन ईरान पर जानबूझकर इसमें देरी करने का आरोप है। इसलिए ईरान पर अमेरिका का शक लगातार गहराता जा रहा है। कई रिपोर्टों में यह दावा किया जा चुका है कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है। इससे वह कभी भी परमाणु बम बना सकता है।
इस बीच ईरानी राष्ट्रपति ने आईएईए से ईरानी परमाणु मुद्दे पर 'पेशेवर' दृष्टिकोण अपनाने का किया आग्रह है। ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ईरानी परमाणु मुद्दे पर एक पेशेवर दृष्टिकोण अपनाएगी। राष्ट्रपति के कार्यालय की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट के अनुसार रायसी ने शनिवार को राजधानी तेहरान में आइएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के साथ एक बैठक में यह टिप्पणी की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ने कहा कि इजराइल और अमेरिका जैसे देश ईरानी लोगों पर और दबाव बनाने के लिए परमाणु मुद्दे को बहाने के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
आइएईए ईरान से संतुष्ट
इब्राहिम रायसी ने कहा कि ईरान का आइएईए के साथ उच्चतम स्तर का सहयोग रहा है, उम्मीद है कि एजेंसी ईरान के परमाणु कार्यक्रम के साथ-साथ देश की उसके नियमों के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में सच्चाई बताएगी।
इस बीच आइएईए प्रमुख ने ईरान का दौरा करने और देश के राष्ट्रपति से मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार आइएईए की टीम ने स्वयं के नेतृत्व में ईरानी पक्ष के साथ रचनात्मक और सकारात्मक बैठकें कीं।
ग्रॉसी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर तेहरान पहुंचे, इस दौरान उन्होंने ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) के अध्यक्ष मोहम्मद इस्लामी और ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दोलाहियन के साथ भी बातचीत की।
हाल के महीनों में आइएईए ने एजेंसी के साथ सहयोग की कमी के लिए ईरान की आलोचना की है।
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