संघर्ष में यौन हिंसा पर काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की दूत प्रमिला पैटेन ने सोमवार को एक नयी रिपोर्ट में कहा कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि हमास ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में किए हमले के दौरान महिलाओं से दुष्कर्म, उनका ‘यौन उत्पीड़न’ तथा उनसे अन्य क्रूर और अमानवीय बर्ताव किया। 9 सदस्यीय तकनीकी टीम के साथ 29 जनवरी से 14 फरवरी तक इज़राइल और वेस्ट बैंक का दौरा करने वाली प्रमिला पैटन ने कहा, "यह मानने के उचित आधार भी हैं कि ऐसी हिंसा जारी हो सकती है।" बड़ी बात यह है कि यह रिपोर्ट पूरे 5 महीने के बाद आई है। रिहा किए गए बंधकों के प्रत्यक्ष विवरण के आधार पर उन्होंने कहा कि टीम को "स्पष्ट और ठोस जानकारी मिली" कि कैद के दौरान कुछ महिलाओं और बच्चों को रेप और यौन उत्पीड़न और यौन हिंसा का सामना करना पड़ा।
7 अक्टूबर के हमले में मारे गए थे 1200 लोग, 5 माह बाद आई रिपोर्ट
यह रिपोर्ट 7 अक्टूबर के हमले के लगभग पांच महीने बाद आई है, जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमास के खिलाफ इजरायल के युद्ध ने गाजा पट्टी को बर्बाद कर दिया है। पहले हवाई हमले और उसके बाद जमीनी हमले करके इजराइल ने गाजा में कोहराम मचा दिया। यूएन का कहना है कि गाजा के 23 लाख लोगों में से एक चौथाई लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। वहीं चिकित्सा समस्याएं भी काफी गहरा गई हैं।
हमास ने खारिज किया था आरोपों को
हमास पहले इन आरोपों को खारिज कर चुका है कि उसके लड़ाकों ने यौन हिंसा की है। पैटेन ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस रिपोर्ट को जारी करते हुए बताया कि उनका दल यौन हिंसा के पीड़ितों को ‘आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के समन्वित प्रयासों के बावजूद’ उनमें से किसी से मुलाकात नहीं कर पाया। उन्होंने बताया कि पीड़ितों की संख्या अब भी पता नहीं चली है लेकिन उनमें से कुछ लोग गंभीर मानसिक तनाव और आघात का इलाज करा रहे हैं।
दल के सदस्यों ने की 33 बैठकें
बहरहाल, दल के सदस्यों ने इजराइली संस्थाओं के साथ 33 बैठकें कीं और सात अक्टूबर के हमलों में बचे लोगों और गवाहों, रिहा किए गए बंधकों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं तथा अन्य समेत 34 लोगों का साक्षात्कार लिया। दल द्वारा एकत्र की गयी सूचना के आधार पर पैटेन ने कहा, ‘यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि सात अक्टूबर को हुए हमलों के दौरान गाजा में कई स्थानों (कम से कम तीन स्थान) पर दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म समेत संघर्ष से संबंधित यौन हिंसा हुई।’
इजराइल हमास की जंग 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी। इसके बाद इजराइल ने पलटवार किया था। इसके बाद से जंग भड़क गई। कई बार शांति वार्ता के प्रस्ताव भी आए, लेकिन नतीजा नहीं निकला। वहीं गाजा जंग का मैदान बन गया। बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी लोग मारे गए। लेकिन जंग अभी तक जारी है। इस जंग को रोकने के लिए कई मुस्लिम देश और अन्य देश भी साथ आए। वहीं इजराइल के खिलाफ मिडिल ईस्ट के आतंकी संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया। इनमें हूती विद्रोही, हिजबुल्ला संगठन भी शामिल हैं।