इजरायल और हमास के बीच करीब 7 महीनों से जारी युद्ध को रोकने की कोशिशों के बीच अब एक पॉजिटिव खबर निकलकर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, हमास ने युद्ध को रोकने के लिये मिस्र और कतर की ओर से पेश किये गए संघर्ष-विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आपको बता दें कि इजरायल ने बीते दिन करीब एक लाख फिलिस्तीनियों को रफा शहर से निकलने का आदेश दिया था। माना जा रहा था कि इजरायल किसी भी वक्त रफा पर हमला कर सकता है। हालांकि, कुछ ही घंटो बाद हमास ने संघर्ष-विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
इजरायल ने क्या कहा?
हमास द्वारा मिस्र-कतरी युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमत होने के बावजूद इजरायल ने इसमें कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इजरायल ने कहा है कि यह युद्धविराम प्रस्ताव उसकी मुख्य मांगों को पूरा नहीं करता है। दूसरी ओर इजरायल के टैंक रफा की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, इजरायल ने कहा है कि वह युद्धविराम वार्ता जारी रखेगा।
क्या है प्रस्ताव में?
हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया ने कतर के प्रधानमंत्री और मिस्र के खुफिया मामलों के मंत्री को फोन कर के युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमत होने के बारे में जानकारी दी है। मिस्र और हमास के अधिकारियों ने कहा था कि संघर्ष विराम कई चरणों में होगा, जिसके दौरान गाजा से इजराइली सेना की वापसी के बदले में हमास बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करेगा।
रफा पर क्यों हमला करना चाहता है इजरायल?
इजरायल का आरोप है कि रफा हमास का आखिरी गढ़ है और यहां हजारों हमास के आतंकी छुपे हुए हैं। हालांकि, यहां पर करीब 14 लाख फिलिस्तीनियों ने भी शरण ले रखी है। अमेरिका सहित इजराइल के पड़ोसी देशों ने बार-बार कहा है कि इजराइल को रफाह पर हमला नहीं करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि बंधकों की जान बचाने के लिए हमास के साथ संघर्ष-विराम समझौता स्वीकार करना सबसे अच्छा तरीका है। (इनपुट: भाषा)
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