Highlights
- अडाणी पोर्ट्स और गैडोट समूह के पास क्रमशः 70 और 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी है
- कंपनी ने बंदरगाह के लिए 4.1 अरब इजराइली मुद्रा शेकेल (NIS) की पेशकश की थी
- हाइफा पोर्ट, हाइफा शहर के करीब है, जो इजराइल का तीसरा सबसे बड़ा शहर है
Haifa Port: अडाणी समूह के हाइफा बंदरगाह को 1.18 अरब डॉलर में खरीदने के फैसले को इजराइली मीडिया एक ‘रणनीतिक सौदे’ के रूप में देख रहा है। इस संबंध में सोमवार को जारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि बोली प्रक्रिया में भारतीय समूह और उसके निकटतम प्रतिस्पर्धियों की बोली में अंतर को देखते हुए यह एक ऐसी खरीद है जहां कीमत कम महत्वपूर्ण है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ) और गैडोट समूह के एक गठजोड़ ने गुरुवार को इजराइल के ‘पोर्ट ऑफ हाइफा’ के संचालन की बोली जीती थी। अडाणी पोर्ट्स और गैडोट समूह के पास इसमें क्रमशः 70 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कंपनी ने बंदरगाह के लिए 4.1 अरब इजराइली मुद्रा शेकेल (NIS) की पेशकश की थी, जो 1.18 अरब डॉलर के बराबर है।
अडाणी पोर्ट्स की पेशकश की कीमत सुनकर पीछे हटे कंपीटीटर्स
स्थानीय अखबार ‘डेली हारेट्ज़’ के मुताबिक, अडाणी समूह की तरफ से पोर्ट को खरीदने के लिए की गई पेशकश, दूसरी उच्चतम बोली के मुकाबले 55 प्रतिशत ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘यह इजराइल सरकार के अनुमान की तुलना में बहुत ज्यादा कीमत है। ऐसा लगता है जैसे गौतम अडाणी कह रहे हैं कि यह एक रणनीतिक खरीद है और हमारे के लिए कीमत कम महत्वपूर्ण है।’’ रिपोर्ट में कहा गया कि जब बंदरगाह खरीदने के लिए कंपटीशन करने वाले स्थानीय समूहों ने अडाणी पोर्ट्स की पेशकश की कीमत सुनी, तो वे सभी पीछे हट गए।
"अडाणी समूह संपत्ति को रणनीतिक निवेश में देखता है"
इजराइली अखबार ने प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं में से एक के करीबी व्यक्ति के हवाले से कहा, ‘‘बोली में इस तरह के अंतर से आप समझते हैं कि यह एक पूरी तरह से अलग खेल है। ऐसे समूह का सामना करने का कोई मतलब नहीं है, जो संपत्ति को रणनीतिक निवेश के रूप में देखता है।’’ हाइफा का बंदरगाह इजराइल के उत्तर में स्थित है। यह हाइफा शहर के करीब है, जो इजराइल का तीसरा सबसे बड़ा शहर है।