Turkey-Saudi Arabia: तुर्की के ड्रोन की मांग अब न सिर्फ रूस और यूक्रेन जंग तक सीमित रह गई है। बल्कि अब सऊदी अरब को भी तुर्की के ड्रोन भाने लगे हैं। इसलिए तुर्की की कंपनी अब सऊदी अरब के लिए ड्रोन बनाने जा रही है। इसके लिए बाकायदा एक एग्रीमेंट पर समझौता हुआ है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सऊदी अरब पहुंचने पर दोनों देशों ने निवेश, रक्षा उद्योग, ऊर्जा और संचार से जुड़े कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अनादोलु समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जेद्दा शहर में एर्दोगन और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल की बैठक के बाद सोमवार को समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रपति एर्दोगन ने इससे पहले अल-सलाम रॉयल पैलेस में बंद दरवाजे के पीछे सऊदी क्राउन प्रिंस के साथ बैठक की।
इन देशों में भी जाएंगे एर्दोगन
तुर्की के नेता तीन दिवसीय खाड़ी दौरे के तहत सोमवार को सऊदी अरब पहुंचे। दोनों देशों के बीच संबंधों के और प्रगाढ़ होने की दिशा में यह यात्रा अहम है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद सहित कई उच्च पदस्थ सऊदी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। एर्दोगन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खाड़ी देशों की उनकी यात्रा का मुख्य एजेंडा निवेश और वित्तपोषण के बारे में है।
तुर्की की इस कंपनी को मिला कॉन्ट्रैक्ट
सऊदी राज्य समाचार एजेंसी एसपीए ने बताया कि एर्दोगन और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने तुर्की की रक्षा फर्म बायकर और सऊदी रक्षा मंत्रालय के बीच डील साइन हुई है। रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान अल सऊद ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, 'सऊदी अरब देश से सशस्त्र बलों की तैयारी बढ़ाने और अपनी रक्षा और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से ड्रोन हासिल करेगा। एसपीए ने सौदे के मूल्य के बारे में विवरण नहीं दिया।
घातक है तुर्की का ड्रोन, मिसाइलों से हो सकता है लैस
तुर्की के Bayraktar TB2 ड्रोन को बायकर डिफेंस नाम की कंपनी बनाती है। इस कंपनी को अर्दोआन के दामाद सेलकूक बायरकतार चलाते हैं। तुर्की का बयरकतार TB2 हल्के हथियारों से लैस है। इस ड्रोन में हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, छोटे बम, क्रूज मिसाइलें और सिरिट मिसाइलें चार लेजर- गाइडेड मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इस ड्रोन को रेडियो गाइडेड होने के कारण 320 किमी के रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है। अपनी घातक क्षमताओं की वजह से तुर्की का यह ड्रोन बेहद घातक माना जाता है। TB2 ड्रोन ने 2020 की शुरुआत में सीरिया के आसमान में अपना दम दिखाकर दुनिया में पहचान बनाई थी। पिछले कई साल में छोटे-मोटे क्षेत्रीय संघर्ष में ड्रोन्स के इस्तेमाल ने अपनी उपयोगिता को बखूबी साबित किया है।