यूनान के तट पर कुछ दिन पहले हुई जहाज डूबने की घटना को लेकर 2 पाकिस्तानी चश्मदीदों ने बड़ा दावा किया है। दुर्घटना में जीवित बचे दोनों पाकिस्तानियों के अनुसार एक तरीके से यूनान ने ही पाकिस्तान का जहाज डुबोया है, क्योंकि वह सब देख रहे थे। लोग डूब रहे थे, लेकिन आंखों के सामने सबकुछ होता देखकर भी यूनानी पाकिस्तानियों को बचाने नहीं आए। यूनान के तट पर जहाज डूबने के हादसे में जीवित बचे पाकिस्तानी लोगों ने इस दुर्घटना के लिए यूनानी तट रक्षकों को दोषी ठहराया है। इसमें 300 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है।
उनका कहना है कि सैकड़ों लोगों को ले जा रहे जहाज को जानबूझकर डुबोया गया और कोई बचाने नहीं आया। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी गई। जियो न्यूज के मुताबिक, पीड़ितों के वीडियो ने अंतिम घंटों में यूनान के अधिकारियों के अमानवीय रवैये को उजागर किया। यूरोप में अधिकारियों को अभी भी इस बात का कोई स्पष्ट अंदाजा नहीं है कि जब जहाज डूबा तो उसमें कितने लोग सवार थे। अनुमान है कि 400 से लेकर 700 लोग सवार थे। संभवत: सैकड़ों लोग पाकिस्तान से आए थे। इसमें एक दो को छोड़कर बाकी सब लापता हो गए।
जिंदा बचे 2 पाकिस्तानियों ने बताई दास्तां
इस दुखद घटना के कुछ दिनों बाद जीवित बचे दो पाकिस्तानी लोगों की कहानी सामने आई। जीवित बचे लोगों में से एक ने कहा, "उन्होंने न जाने किस मकसद से ऐसा किया। उन्होंने जहाज को खुद डुबो दिया। हम पांच दिन तक नहीं डूबे तो अब क्यों डूबेंगे?" जियो न्यूज के मुताबिक, बचे हुए लोगों ने बताया कि जहाज का इंजन खराब हो गया था, जिससे वे लगभग एक हफ्ते तक रुके रहे। एक यात्री ने कहा, "हम डूबे नहीं थे, भले ही हमारा इंजन पूरी तरह से बंद हो गया था। छठी रात जब मैंने घड़ी देखी तो 2:15 बज रहा था, लगभग 10 मिनट बाद यह घटना हुई। जहाज में एक मन रस्सी डाला गया था, जिस कारण वह डूब गया।"
जियो न्यूज के अनुसार उन्होंने आगे आरोप लगाया कि दो स्पीड बोट, एक कार्गो बोट और एक रिसीविंग शिप की मौजूदगी के बावजूद कोस्टगार्ड ने मदद नहीं की। क्षेत्र में अन्य जहाजों की आवाजाही के विश्लेषण से पता चलता है कि जहाज डूबने से पहले कम से कम सात घंटे तक स्थिर रहा। (IANS)