Iran News: ईरान जाने वाले भारतीयों के लिए खुशखबरी है। अब भारतीय यात्रियों को ईरान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होगी। बिना वीजा के ईरान की यात्रा की जा सकेगी। ईरान ने गुरुवार को कहा कि वह भारत और सऊदी अरब सहित 33 देशों के लिए वीजा की आवश्यकताओं को हटा रहा है। इस तरह अब ईरान की यात्रा के लिए भारतीय नागरिकों को वीजा की आवश्यक्ता नहीं होगी।
भारत सहित इन देशों के लिए वीजा की अनिवार्यता हटाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी पर्यटन मंत्रालय का मानना था कि एक खुली द्वार नीति दुनिया के विभिन्न देशों के साथ जुड़ने के ईरान के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करेगी। आईएसएनए ने यह भी कहा है कि इस फैसले के साथ ऐसे देशों की संख्या बढ़कर 45 हो जाएगी, जिनके नागरिक बिना वीजा प्राप्त किए ईरान की यात्रा कर सकते हैं। समाचार एजेंसी के अनुसार, लेबनान, ट्यूनीशिया, भारत, सऊदी अरब और कई मध्य एशियाई, अफ्रीकी और मुस्लिम देशों सहित कुल 33 देशों के लिए ईरान की वीजा आवश्यकता को हटा दिया गया है।
ईरान की बिना वीजा परमिशन में यह यूरोपीय देश भी शामिल
सूची में केवल एक पश्चिमी-सहयोगी यूरोपीय राष्ट्र क्रोएशिया शामिल है, जो यूरोपीय संघ और नाटो का एक छोटा सदस्य है। ईरान का यह निर्णय दो तेल उत्पादक खाड़ी देशों के बीच वर्षों के तनाव के बीच हुआ है। इसे ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंधों में नरमी लाने की दिशा में एक और कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। समाचार एजेंसी ने आगे बताया कि वीजा आवश्यकताओं को हटाने के निर्णय में बहरीन के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कतर के नागरिकों को भी शामिल किया गया था, जिनके साथ तेहरान ने अभी तक पूर्ण संबंध स्थापित नहीं किए हैं। समाचार एजेंसी ने कहा, रूस के लोगों को इस वीजा छूट से केवल तभी लाभ होगा जब वे समूहों में देश का दौरा करेंगे। इस घोषणा से पहले ओमानी नागरिक ईरान की वीजा-मुक्त यात्रा करने में सक्षम थे।
इसी साल चीन ने कराई अरब और ईरान की मित्रता
ईरान और भारत के संबंध पारंपरिक रहे हैं। ऐसे में भारतीयों को भी बिना वीजा के ईरान यात्रा की अनुमति देना भारतीयों के लिए हर्ष का विषय है। लेकिन ताज्जुब इस बात का है कि दुनिया के सबसे बड़े शिया देश ईरान ने सबसे बड़े सुन्नी देश सउदी अरब के लोगों के लिए बिना वीजा ईरान यात्रा की सुविधा दी है। यह बात काबिलेगौर है। क्योंकि ईरान और सउदी अरब के बीच संबंधों का इतिहास कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है। हालांकि इसी साल ईरान और सउदी अरब एकसाथ आए। दोनों को दोस्त बनाने का काम चीन ने किया। यही कारण रहा कि ईरान और सउदी अरब की चीन में मित्रता कराई गई। इजराइल और हमास की जंग के बीच दोनों देशों के संबंधों में स्थायित्व काबिलेगौर है।