यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूस और जर्मनी में ठन चुकी थी। मगर अब रूस और जर्मनी सीधे तौर पर आमने-सामने हैं। जर्मनी और रूस में उस वक्त तनाव चरम पर पहुंच गया था, जब जर्मनी ने यूक्रेन को लेपर्ड टैंक देने का ऐलान किया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जर्मनी के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए उन्हें अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद जर्मनी नहीं माना। लिहाजा दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही गया।
अब जर्मनी ने कुछ ऐसा कदम उठाया है कि रूस बौखला गया है। लिहाजा अब पुतिन भी जर्मनी को उसी अंदाज में जवाब देने जा रहे हैं। रूसी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने जर्मनी की 'शत्रुतापूर्ण' कार्रवाइयों के कारण जर्मन राजनयिकों को देश से बाहर निकालने का फैसला किया है। मंत्रालय ने कहा, "जर्मन अधिकारियों ने उस देश में रूसी राजनयिक मिशनों के कर्मचारियों के एक और बड़े पैमाने पर निष्कासन का फैसला किया है। हम बर्लिन की इन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हैं, जो रूसी-जर्मन संबंधों की पूरी श्रृंखला को रक्षात्मक रूप से नष्ट करना जारी रखती है।"
2022 में भी जर्मनी ने 40 रूसी राजनयिकों का किया था निष्कासन
रूस में जर्मन राजनयिक मिशनों में कर्मचारियों की अधिकतम संख्या भी काफी सीमित होगी, उन्होंने कहा कि 5 अप्रैल को रूसी विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर रूस में जर्मन राजदूत गेजा एंड्रियास वॉन गेयर को इस फैसले के बारे में सूचित किया था। जर्मन विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
पिछले साल अप्रैल में जर्मनी ने 40 रूसी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा की थी और रूस ने जैसे को तैसा वाला कदम उठाया था।