Highlights
- 2023 में जम्मू-कश्मीर में होंगी जी-20 मीटिंग
- भारत के इस प्लान पर चीन ने दी प्रतिक्रिया
- पाकिस्तान के स्वर में स्वर मिलाते दिखा चीन
G-20 in JK: जी-20 के नेताओं की अगले साल होने वाली बैठक जम्मू कश्मीर में आयोजित होने की खबर है। भारत की इस योजना की खबर को लेकर चीन ने गुरुवार को विरोध जताया है। चीन ने अपने करीबी सहयोगी पाकिस्तान के स्वर में स्वर मिलाते हुए कहा कि संबंधित पक्षों को मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए।
"कश्मीर पर चीन का रुख सतत और स्पष्ट"
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हमने ताजा घटनाक्रम का संज्ञान लिया है। कश्मीर पर चीन का रुख सतत और बिल्कुल स्पष्ट है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चला आ रहा मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय सहमतियों के अनुरूप इसका उचित समाधान निकालना चाहिए।’’ झाओ ने कहा, ‘‘संबंधित पक्षों को एकपक्षीय कदम के साथ हालात को जटिल बनाने से बचना चाहिए। हमें बातचीत और संवाद से विवादों का समाधान करने के प्रयास करने चाहिए ताकि क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता कायम रहे।’’
कश्मीर में जी-20, क्या चीन नहीं होगा शामिल?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का आह्वान करते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सतत रूप से उबरने पर ध्यान दें, इस प्रासंगिक मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचें और वैश्विक आर्थिक शासन को सुधारने के लिए सकारात्मक योगदान दें।’’
क्या जी-20 समूह के सदस्य के नाते चीन बैठक में भाग लेगा, इस सवाल के जवाब में झाओ ने कहा, ‘‘हम बैठक में शामिल होंगे या नहीं, इस बारे में विचार करेंगे।’’ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के विवादित क्षेत्र में चीन द्वारा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण और इस पर भारत की आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘दोनों मामले बिल्कुल अलग प्रकृति के हैं। चीन ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का विकास करने और वहां के लोगों की आजीविका सुधारने के लिए परियोजनाएं संचालित की हैं।’’
पाकिस्तान ने दी थी ये प्रतिक्रिया
झाओ ने कहा, ‘‘कुछ परियोजनाएं कश्मीर के उस हिस्से में हैं जो पाकिस्तान के नियंत्रण में है। परियोजनाएं चलाने वाली संबंधित चीनी कंपनियां स्थानीय लोगों की मदद के उद्देश्य से यह करती हैं ताकि उनकी अर्थव्यवस्था में विकास और आजीविका में सुधार हो।’’ झाओ ने कहा, ‘‘इससे कश्मीर के मुद्दे पर हमारे रुख पर कोई असर नहीं पड़ा है।’’ पाकिस्तान ने 25 जून को कहा था कि वह कश्मीर में जी-20 के देशों की बैठक के आयोजन के भारत के प्रयास को खारिज करता है और उम्मीद करता है कि समूह के सदस्य देश कानून एवं न्याय के अनिवार्य तत्वों का पूरी तरह संज्ञान लेते हुए इस प्रस्ताव का स्पष्ट विरोध करेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर 2023 में जी-20 की बैठकों की मेजबानी करेगा। इस प्रभावशाली समूह में विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने गत गुरुवार को समग्र समन्वय के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई थी। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद यहां प्रस्तावित यह पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठक होगी।