जकार्ता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली पहुंचे हुए हैं। G-20 समिट के पहले सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। समिट की शुरुआत से ठीक पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बायडेन और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। बायडेन बेहद गर्मजोशी के साथ मोदी से मिले, दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, और बातें की। पीएम मोदी ने इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मुलाकात की। हालांकि, जिस मुलाकात ने लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा खींचा, वह मोदी और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक की मुलाकात रही।
बेहद गर्मजोशी से मिले मोदी और सुनक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक के बीच संक्षिप्त लेकिन गर्मजोशी से भरी मुलाकात हुई। प्रधानमंत्री बनने के बाद सुनक पहली बार मोदी से मिले। बता दें कि ऋषि सुनक ने 24 अक्टूबर को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनते ही इतिहास रच दिया था। 42 साल के सुनक ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री हैं। वह ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री हैं, और अब तक के सबसे अमीर राजनेताओं में शामिल हैं। ऋषि सुनक को हिंदू परंपराएं निभाने के लिए जाना जाता है और वह दीपावली समेत कई त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
जिनपिंग और मोदी में नहीं हुई मुलाकात
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस से लेकर सेनेगल तक के राष्ट्रपति से मुलाकात की, लेकिन चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से दूरी बनाए रखी। एक तस्वीर में जिनपिंग और मोदी काफी करीब नजर आ रहे थे, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। भारत और चीन के रिश्तों में लद्दाख सीमा पर उपजे तनाव के बाद खटास आ गई थी। गलवान में हुई झड़प और दोनों तरफ के सैनिकों की शहादत के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच दूरी काफी बढ़ गई।
मोदी ने कहा, नाकाम रहा है संयुक्त राष्ट्र
G-20 के पहले सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व को G-20 से अधिक अपेक्षाएं हैं और ग्रुप की प्रासंगिकता बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं। मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा। विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक कदम उठाना समय की मांग है।’