Imran Khan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की फजीहत कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में उन्हें दो अलग अलग मामलों में 10 साल और 14 साल की सजा मिली है। उन पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न 'बल्ला' भी रखने की गुहार भी ठुकरा दी गई। इमरान खान लंबे समय से जेल में बंद है। 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए उनका नामांकन भी रद्द किया जा चुका है। इन सबके बीच इमरान खान की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। उनकी जान को बड़ा खतरा है। यह दावा इमरान खान के एक करीबी ने किया है। साथ ही बताया कि इमरान खान को जिंदा रहने के लिए पाकिस्तान आर्मी की ओर से 3 आफर दिए गए हैं।
ये दिए गए तीन विकल्प
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान आर्मी ने पहला विकल्प यह दिया है कि इमरान खान पाकिस्तानियों से औपचारिक रूप से माफी मांगें। साथ ही सक्रिय राजनीति से खुद को अलग कर लें। उन्हें ये विकल्प भी दिया गया है कि वे अपने परिवार के सदस्यों का नामांकन कराकर चुनावी राजनीति का हिस्सा बन सकते हैं।
दूसरा विकल्प यह है कि वे बनी गाला में रहें। साथ ही अपनी पार्टी 'पीटीआई' के चुनाव मामले से दूर रहें, उसमें हिस्सा न लें। पार्टी का चुनाव चिन्ह क्रिकेट 'बल्ला' खोने के कुछ सप्ताह बाद खान ने 1 फरवरी को अंतर-पार्टी चुनाव कराने की घोषणा की थी। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को उनके साथ एक भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई गई थी। इमरान खान को तीसरा विकल्प दिया गया है कि तीन उम्मीदवारों में से किसी एक को प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकित करें और जनता के सामने नाम की घोषणा करें।
'पाकिस्तान आर्मी को इमरान से लगता है डर'
इमरान खान के करीबी सलमान अहमद के मुताबिक इमरान ने किसी भी ऑफर को लेने से मना कर दिया है। उन्होंने इमरान को एक लोकप्रिय नेता बताया, जिसे पाकिस्तान की 95 फीसदी जनता पसंद करती है और सेना इमरान से डरती है। उन्होंने कहा कि इमरान खान झुकेंगे नहीं और सच्चाई के लिए खड़े होंगे।
इमरान को लंबी सजा, 78 करोड़ रुपए का जुर्माना भी
पाकिस्तान की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा दंपति को 10 साल के लिए किसी भी सार्वजनिक पद संभालने से रोक दिया है। उनके ऊपर 78.7 करोड़ पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना लगाया है। इससे पहले पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को स्टेट सीक्रेट के उल्लंघन के आरोप में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।