पाकिस्तान की सियासत में आजकल इमरान खान चर्चा में बने हुए हैं। पिछले दिनों उनपर हुए जानलेवा हमले के बाद उन्हें और उनके समर्थकों को उम्मीद है कि आगामी चुनावों में उनकी पार्टी PTI फिर से सत्ता में आ सकती है और इमरान खान फिर से प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हमले के बाद से इमरान खान मीडिया से भी खूब बातचीत कर रहे हैं और अपनी आगे की रणनीतियों का भी खुलासा कर रहे हैं।
'अमेरिका से सुधारेंगे रिश्ते'
इसी क्रम में इमरान खान ने कहा है कि, "वे फिर से पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर अमेरिका के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं और वह प्रधानमंत्री पद से उन्हें हटाए जाने के लिए अब अमेरिका को दोष नहीं देते।" इस बयान के बाद कहा जा रहा है कि ऐसा कहकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान ने अपने पहले के बयान से एक तरह से ‘यू-टर्न’ लिया है। बता दें कि इससे पहले उनका आरोप था कि अमेरिका ने तत्कालीन विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन देकर उन्हें सत्ता से हटाने का षड्यंत्र रचा है।
अप्रैल में हुए थे सत्ता से बाहर
इसी साल अप्रैल महीने में अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता से बाहर हो गए इमरान खान अब तक दावा करते थे कि, उन्हें पद से हटाए जाने के लिए मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान के शीर्ष सुरक्षा भागीदार अमेरिका की साजिश थी। अमेरिका ने पाकिस्तान को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान की है। खान दावा करते थे कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव चीन और रूस जैसे देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के चलते एक विदेशी साजिश का परिणाम था।
एक इंटरव्यू में दिया बयान
इमरान खान साथ ही यह भी दावा करते थे कि उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेशों से धन का इस्तेमाल किया जा रहा था। एक मीडिया साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा कि वह अब अमेरिका को दोष नहीं देते और फिर से निर्वाचित होने पर सम्मानजनक संबंध चाहते हैं।