अमेरिकी सिख और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश का आरोप भारतीय पर लगने के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो फिर से आक्रामक होने लगे हैं। मगर भारत ने उन्हें कानून के शासन का मतलब एक बार फिर से यादा दिलाया है। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कनाडा को लेकर उसका प्रमुख मुद्दा उस देश में सक्रिय भारत विरोधी तत्वों को दी गई जगह को लेकर है और साथ ही उसने उम्मीद जताई कि वह भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बता दें कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों और खालिस्तानी आतंकियों से नरमी बरतता रहा है और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसे तत्वों को भारत के खिलाफ जहर उगलने की आजादी देता आया है।
अमेरिका की ओर से गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश का आरोप लगाए जाने के बाद जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि भारत को अब बात समझ आने लगी है कि ऐसे काम नहीं चलने वाला है। ट्रूडो ने कहा था कि पहले जब हमने हरदीप सिंह निज्जर मामले में उनसे जांच में सहयोग को कहा था तो उनका रुख सख्त था। मगर अब उसमें नरमी है। ट्रूडो के इस बयान के बाद विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रधानमंत्री को उनकी धरती पर पहल रहे खालिस्तानी आतंकियों और भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने को याद दिलाते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है।
कनाडा में सक्रिय हैं भारत विरोधी तत्व
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत को उम्मीद है कि कनाडा अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बागची ने कहा, ‘‘अब भी मुख्य मुद्दा अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही जगह है।’’ खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में की गई हत्या से भारतीय एजेंटों को जोड़ने के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में गंभीर तनाव रहा है। ट्रूडो की ओर से सितंबर में लगाए गए इस आरोप को भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया था। (भाषा)
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