कराची: पाकिस्तान में रविवार को करीब 43 लोगों को मौत की नींद सुला देने वाले ट्रेन हादसे की वजह प्रारंभिक तौर पर सामने आ गई है। जांच अधिकारियों का कहना है कि इस भीषण हादसे की वजह फिश प्लेट (रेल की पटरियों के दो छोर को जोड़ने वाला उपकरण) का न होना और एक पटरी का क्षतिग्रस्त होना था। उन्होंने बताया कि इन दोनों वजहों के चलते हजारा एक्सप्रेस नाम की ट्रेन पटरी से उतर गयी थी। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुई इस ट्रेन दुर्घटना की जांच की प्रांरभिक रिपोर्ट आ गयी है जिसमें यह बात कही गई है।
सरहरी के पास पटरी से उतर गई थी ट्रेन
बता दें कि कराची से रावलपिंडी जा रही हजारा एक्सप्रेस रविवार को कराची से 275 किलोमीटर दूर नवाबशाह जिले में सरहरी रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गयी थी। सामने आई शुरुआती जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिश प्लेट के न होने और रेल की पटरी के क्षतिग्रस्त होने के कारण यह ट्रेन पटरी से उतरी थी। पाकिस्तान रेलवे के 6 सदस्यीय जांच दल ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा, ‘सभी पहलुओं से जांच करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह दुर्घटना पटरी के टूटने और फिश प्लेट न होने के कारण हुई।’
तोड़फोड़ की आशंका से भी इनकार नहीं
पाकिस्तान रेलवे के जांच दल ने ट्रेन के पटरी से उतरने के पीछे उसके इंजन के फिसलने की वजह भी बताई है। रेलवे के कुछ अधिकारी हादसे में तोड़फोड़ की आशंका से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटनास्थल से थोड़ा हटकर लोहे की फिश प्लेट और लकड़ी के टर्मिनल पर ‘किसी चीज से चोट किए जाने के मामूली निशान’ मिले हैं। इसमें कहा गया है कि ‘इसलिए इस दुर्घटना के लिए इंजीनियरिंग शाखा और मैकेनिकल शाखा जिम्मेदार हैं।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ‘बहुत शुरुआती जांच रिपोर्ट’ है और अंतिम रिपोर्ट आने में कुछ वक्त लगेगा।
पाकिस्तान में होती रहती हैं ट्रेन दुर्घटनाएं
पाकिस्तान रेलवे के जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘इस ट्रेन हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है और संघीय सरकार के रेलवे निरीक्षक इस हादसे की वजह का पता लगाने के लिए दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं।’ हादसे में मारे गए महिलाओं तथा बच्चों समेत कई यात्रियों का अंतिम संस्कार सोमवार से शुरू कर दिया गया। बता दें कि पाकिस्तान में पुराने ट्रैक रख-रखाव सिस्टम, सिग्नल समस्याओं, तकनीकी उपकरणों और पुराने इंजन के कारण रेलवे दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। हाल के सालों में रेलवे की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि सरकार के लिए इसे चलाना मुश्किल हो रहा है।
1990 में हुई थी सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना
बता दें कि सिंध में सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना 1990 में सुक्कुर के पास हुई थी, जब 307 लोग मारे गए थे। अभी शनिवार को ही कराची से सियालकोट जा रही अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे, लेकिन कोई जख्मी नहीं हुआ था। अप्रैल में दक्षिणी सिंध प्रांत के खैरपुर जिले में टांडो मस्ती खान के पास कराची से लाहौर जा रही कराची एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगने से 7 लोगों की मौत हो गई थी। 7 जून 2021 को सिंध के घोटकी में 2 एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर में 32 लोगों की मौत हो गई थी जबकि फरवरी 2020 में सिंध के रोहरी स्टेशन के पास एक बस के एक ट्रेन की चपेट में आने से 19 जानें गई थीं।