अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का लगातार डंका बज रहा है। पहली बार किसी भारतीय को सात देशों के समूह (बिम्सटेक) का महासचिव चुना गया है। इससे भारत को एक बार फिर गौरवान्वित होने का अवसर मिला है। अब देश के अनुभवी राजनयिक इंद्र मणि पांडेय बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) के नए महासचिव होंगे। अब से पहले किसी भारतीय ने यह पद नहीं संभाला था। अब पहली बार किसी भारतीय अधिकारी को इस क्षेत्रीय समूह के प्रभावशाली पद पर नियुक्त किया गया है। इससे भारत की शाख बढ़ी है।
बता दें कि भारत के अलावा बिम्सटेक में श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। इंद्रमणि पांडेय वर्ष 1990 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारी हैं और वर्तमान में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी प्रतिनिधि की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। भारत बिम्सटेक को क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक प्रभावी मंच बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है, क्योंकि सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के तहत पहल कई कारणों से आगे नहीं बढ़ रही थी।
विदेश मंत्रालय ने जाहिर की खुशी
बिम्सटेक महासचिव का पद इस बार भारत के खाते में आने पर विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी साझा करके खुशी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को इंद्रमणि पांडेय को बिम्सटेक का अगला महासचिव नियुक्त करने की घोषणा की। एक बयान में कहा गया, ''यह पहली बार है कि कोई भारतीय बिम्सटेक के महासचिव का पद संभालेगा।'' इसमें बताया गया कि वह जल्द ही यह कार्यभार संभालेंगे। इंद्रमणि बिम्सटेक महासचिव के रूप में कार्यरत भूटान के तेनजिन लेकफेल का स्थान लेंगे।
यह भी पढ़ें
श्रीलंका को IMF ने दूसरी किस्त में दिया 33 करोड़ डॉलर, सरकार निपटाएगी बहुपक्षीय कर्ज
हमास ने इजरायल पर क्यों किया हमला, बाइडेन ने 2 अमेरिकी बंधको की रिहाई के बाद बता दी ये नई वजह