Highlights
- FATF की हो रही बैठक में आज पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकल सकता है
- चीन, तुर्की और मलेशिया समेत कुछ अन्य देश पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं
- यदि पाकिस्तान FATF के ग्रे लिस्ट से बाहर आता है तो उसके लिए विदेशी मदद के रास्ते खुल सकते हैं
FATF Grey List: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में आज पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर आएगा या नहीं इसका फैसला भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे तक हो जाएगा। बता दें की यह बैठक जर्मनी में हो रही है। पाकिस्तान को पूरा भरोसा है कि FATF का फैसला उसके पक्ष में ही होगा। पाकिस्तान साल 2018 से ही एफएटीएफ की निगरानी सूची में है। सूत्रों के मुताबिक, भारत के विरोधी देश चीन, तुर्की और मलेशिया समेत कुछ अन्य देश पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं। बता दें कि FATF की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान के अलावा सीरिया, तुर्की, फिलीपिंस, दक्षिण सूडान, युगांडा और यमन सहित 23 देश इसमें शामिल हैं। पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में होने से उसे पीछले 4 सालों में अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।
पाकिस्तान को पूरी उम्मीद कि फैसला उसके पक्ष में आएगा
पाकिस्तान को इस बात पर पूरा विश्वास है कि फैसला उसके पक्ष में ही आएगा और आज वह FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकल जाएगा। इस बैठक में ऑनसाइट विजिट के लिए सहमति बन सकती है। इससे पहले पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान के समर्थन में अन्य देशों की सहमति और एकजुटता काफी ज्यादा है।
पिछली बार FATF की लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाया था पाकिस्तान
पीछली बार यह बैठक पेरिस में आयोजित की गई थी। उस वक्त इमरान खान की सरकार थी तब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला लिया था। बैठक में तुर्की ने पाकिस्तान का पूरा साथ दिया था लेकिन चीन समेत दूसरे देशों ने पाकिस्तान से दूरी बनाए रखी लेकिन इस बार चीन उसके साथ खड़ा दिखाई दे रहा है।
आर्थिक मदद मिलने में होगी आसानी
पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से हटने के बाद उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF), वर्ल्ड बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद हासिल करना आसान हो जाएगा। देश की अर्थव्यवस्था को फिर से एक नई मजबूती मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह शहबाज सरकार के लिए बहुत बड़ी उपलब्धी हो सकती है। पाकिस्तान की आर्थिक हालत पहले से ही खस्ताहाल है और ऐसे में उसे विदेशी मदद की सख्त जरूरत है।