इस्लामाबादः पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के साथ बातचीत की वकालत की है। एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य हैं। एससीओ की 23वीं बैठक के मौके पर दोनों देशों को द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि "इतना सख्त क्यों हो, दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी है। चाहे आज हो या कल। भले ही यह एससीओ के संदर्भ में न हो। भुट्टो ने एआरवाई न्यूज से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों को देर-सबेर द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करनी होगी।
जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर बातचीत जरुरी
पूर्व पाक विदेश मंत्री ने कहा कि मतभेदों पर दोनों देशों की अपनी-अपनी राय है लेकिन हमें यह क्यों भूलना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के कारण पाकिस्तान और भारत दो सबसे अधिक प्रभावित देश हैं। आतंकवाद भी एक वास्तविकता है, चाहे वे (भारत) हमें (पाकिस्तान) को दोषी ठहराएं और हम रॉ (भारत की खुफिया एजेंसी) को दोषी ठहराएं, लेकिन मुद्दा मौजूद है। पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर हम जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर बातचीत नहीं करेंगे तो दोनों देशों का भविष्य हमें माफ नहीं करेगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर पहुंचे हैं पाकिस्तान
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं। गौरतलब है कि जयशंकर पहले ही एससीओ के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की किसी भी संभावना से इनकार कर चुके हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन 2024 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद, पाकिस्तान में हो रहा है। शिखर सम्मेलन का विषय, "बहुपक्षीय वार्ता को मजबूत करना; सतत शांति और समृद्धि की दिशा में प्रयास करना, सहयोग और प्रगति पर ध्यान केंद्रित करता है।
बिलावल भुट्टो पिछले साल आए थे भारत
बिलावल भुट्टो जरदारी ने पिछले साल गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लिया था। 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत का दौरा किया था और अपने तत्कालीन समकक्ष एसएम कृष्णा के साथ बातचीत की।
इनपुट- एएनआई