Recep Tayyip Erdogan: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन एक बार फिर राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने लगातार 11वीं बार चुनाव जीता है। अनादोलु राज्य समाचार एजेंसी ने बताया कि चुनाव में एर्दोगन ने 52.3 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि केमल किलिकडारोग्लू के 47.7 प्रतिशत वोट मिले। एर्दोगन लंबे समय से तुर्की की सत्ता पर काबिज रहे, लेकिन इस बार उन्हें विपक्षी नेता कमाल केलिकदारोग्लू से कड़ी टक्कर मिली।
इससे पहले 14 मई को पहले चरण की वोटिंग हुई थी। इसमें किसी भी प्रत्याशी को 50 फीसदी से अधिक मत प्राप्त नहीं हो पाए थे। इसी वजह से रन-ऑफ दौर की स्थिति बन गई थी। लेकिन अंतत: इसमें भी अब एर्दोगन ने बाजी मार ली है. एर्दोगन ने कुल 97 प्रतिशत वोट में से 52.3 प्रतिशत और केमल ने 47.7 प्रतिशत वोट हासिल किए।
एर्दोगन भारत के विरोध में देते रहे हैं बयान
20 साल में पहली बार एर्दोगन को दूसरे दौर के मुकाबले का सामना करना पड़ा। एर्दोगन की जीत भारत के लिहाज से ज्यादा अच्छी नहीं है। एर्दोगन कश्मीर पर भारत के विरोध में और पाकिस्तान के पक्ष में ही बयान देते हैं। इस बार ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि तुर्की के गांधी यानी कमाल जीत गए तो एर्दोगन के लंबे एकाधिकार वाले शासन का अंत हो जाएगा, लेकिन ऐसा न हो सका और एर्दोगन फिर तुर्की के राष्ट्रपति चुन लिए गए।
एर्दोगन ने चुनाव से पहले किए थे ये वादे
एर्दोगन ने इस बार प्रेसिडेंट पद के चुनाव के लिए जनता से कई बड़े वादे किए हैं, जिन्हें पूरा करने का उन पर दारोमदार रहेगा। उन्होंने जो बड़े वादे किए उनमें भूकंप से प्रभावित इलाकों में 6.50 लाख घर बनाना शामिल हैं। गौरतलब है कि तुर्की में कुछ माह पहले खतरनाक भूकंप आया था जिनमें 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। सीरियाई शरणार्थियों को घर भेजना और सीरियाई राष्ट्रपति से समझौता करना भी उनके वादों में शमिल है।