पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का कार्यकाल अगस्त 2023 में पूरा होने जा रहा है। ऐसे में अब पाकिस्तान में लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है। हालांकि पूर्व पीएम इमरान खान का आरोप रहा है कि सरकार चुनाव को अक्टूबर तक खींचना चाहती है। जबकि इमरान खान अगस्त से पहले चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर आंदोलन करते रहे हैं। हालांकि शहबाज शरीफ सरकार ने इमरान खान के तेवर को अब ठंडा कर दिया है। मगर इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की संयुक्त अरब अमीरात में कथित तौर पर गुप्त बैठक की खबर है।
पाकिस्तानी मीडिया ‘द डॉन न्यूज’ की एक खबर में यह दावा किया गया है। पाकिस्तानी खबरों के अनुसार शरीफ और जरदारी ने यह बैठक पाकिस्तान में अगले आम चुनावों के समय और भविष्य की व्यवस्था में ‘‘अपनी हिस्सेदारी’’ पर चर्चा करने के लिए की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी के बीच यह बैठक सोमवार दोपहर दुबई में हुई। इसके अनुसार यह बैठक कार्यवाहक व्यवस्था के लिए नामों को अंतिम रूप देने और इसको लेकर आम सहमति बनाने के लिए हुई कि दोनों साझेदारों के अगला चुनाव जीतने की स्थिति में किसे कौन सा प्रमुख पद मिलेगा।
जरदारी और शरीफ अब करेंगे सीधी बात
उल्लेखनीय है कि दोनों दल देश में वर्तमान समय में सत्तारूढ़ गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) में भागीदार हैं। समाचार पत्र की खबर में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘संघीय सरकार के दो मुख्य गठबंधन सहयोगियों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा संयुक्त अरब अमीरात में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद अगले आम चुनावों को लेकर अनिश्चितता जल्द ही समाप्त हो सकती है।’’ अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय लिया गया कि पीएमएल-एन के नवाज शरीफ और पीपीपी के जरदारी इन मुद्दों पर "निचले स्तर पर" लंबी चर्चा के बजाय "सीधे बात" करेंगे।
संकट से जूझते पाकिस्तान में चुनाव की आहट से सरगर्मी तेज
इस समय बड़े राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने हाल ही में निर्वाचन आयोग की बैठक के साथ आम चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पीडीएम पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पेश की गई चुनौती से भी मुकाबला कर रहा है। वर्तमान नेशनल असेंबली 12 अगस्त को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और पाकिस्तान के संविधान के अनुसार 60 दिनों के भीतर नया आम चुनाव कराया जाना चाहिए। पीएमएल-एन के एक सूत्र ने कहा कि शरीफ-जरदारी बैठक का मुख्य एजेंडा अक्टूबर या उसके बाद चुनाव था। (भाषा)
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