तेल अवीव: हमास ने सोमवार देर रात 2 बुजुर्ग इजरायली बंधकों को रिहा किया था जिनमें 85 साल की योचेवेद लिफ्शिट्ज भी शामिल थीं। लिफ्शिट्ज ने, जिनके पति अभी भी कैद में हैं, रिहाई के बाद मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और इजरायल की सेना और खुफिया एजेंसी पर जमकर बरसीं। लिफ्शिट्ज ने इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट और इजरायली रक्षा बलों (IDF) के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा कि नरसंहार से 3 हफ्ते पहले हमास के लोग बड़ी संख्या में बाड़ पर पहुंचे थे लेकिन IDF ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
‘सोचा नहीं था हम इस स्थिति तक पहुंचेंगे’
इजरायल की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। तेल अवीव के इचिलोव अस्पताल, जहां उनका इलाज चल रहा है, के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए लिफ्शिट्ज ने कहा, ‘मैंने नहीं सोचा था कि हम इस स्थिति तक पहुंचेंगे। वे जंगली हो गए थे। उन्होंने हमारे द्वारा 2.5 अरब डॉलर से बनाई गई बाड़ को उड़ा दिया। उन्होंने हमारे घरों पर हमला किया। उन्होंने बूढ़े और जवान किसी में फर्क नहीं किया और उनको को मार डाला या बंधक बना लिया। मैं एक ऐसे बुरे सपने से गुजरी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।’
‘मुझे डंडे से बेरहमी से पीटा, गहने ले लिए’
लिफ्शिट्ज ने आगे कहा,‘जो कुछ हुआ उसकी तस्वीरें मेरे दिमाग में लगातार घूमती रहती हैं। उन्होंने मुझे मोटरसाइकिल पर बैठाया, एक तरफ पैर और दूसरी तरफ मेरा सिर बांध दिया, और उसी हालत में खेतों के रास्ते ले गए। हमारे दोनों तरफ एक-एक मोटरसाइकिल थी और एक हमारे पीछे थी। मोटरसाइकिल सवार ने मुझे डंडे से बेरहमी से पीटा। उन्होंने मेरी घड़ी और गहने ले लिए। सबसे पहले वे मुझे अबासन अल-कबीरा शहर ले गए जो कि (किबुत्ज) बेरी के करीब है। उसके बाद, मुझे नहीं पता वो मुझे कहां ले गए।’
‘हम सुरंगों के जाल में कई किलोमीटर तक चले’
हमास की कैद से छूटीं लिफ्शिट्ज ने कहा, ‘आखिरकार, हम अंडरग्राउंड हो गए और गीली सुरंगों से के जाल में कई किलोमीटर तक दो-तीन घंटे के करीब चले। फिर हम एक बड़े हॉल तक पहुंचे। हम 25 लोगों के एक ग्रुप में थे। किबुत्ज़ नीर ओज़ से 5 लोग थे और हरेक के लिए एक गार्ड को तैनात किया गया था। उन्होंने हमसे बात की और हमारे साथ खाना खाया। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ उसकी पॉलिटिक्स के बारे में वे बात नहीं करना चाहते। एक डॉक्टर आते थे और हर दूसरे दिन हमारी जांच करते थे। वे हमारे लिए जरूरी दवाएं भी लेकर आते थे।’
‘हमास के लोगों ने घायलों की अच्छी देखभाल की’
लिफ्शिट्ज ने कहा कि हमास के लोगों और डॉक्टरों ने घायलों की अच्छी देखभाल की। उन्होंने कहा, ‘एक शख्स था जिसके हाथ और पैर में चोटें आईं थी। जब वे उसे मोटरसाइकिल पर लेकर आए तो मेरा ये सब देखकर दिल टूट गया। हमें बंदी बनाने वाले लोग सफाई को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करते थे और इस बात से आशंकित रहते थे कि कोई बीमारी न फैल जाए। वहां एक शौचालय था जिसे वे हर दिन साफ करते थे।’