Earthquake: जापान एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिल उठा। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6 मापी गई है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बाताय कि कि जापान के होक्काइडो में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया है। फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 46 किमी (28.58 मील) नीचे था।
तुर्किए में भी भूकंप
उधर तुर्किए में भी भूकंप की खबर है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक पूर्वी तुर्किए में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूविज्ञान केंद्र ने रिक्टर स्केल पर इन झटकों की तीव्रता 5.2 दर्ज की है। भूकंप की वजह से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं और कई लोग घायल भी हुए हैं।
क्यों आता है भूकंप
दरअसल, धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी हुई है, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।
कैसे करें बचाव?
अगर अचानक भूकंप आ जाए घर से बाहर खुले में निकलें। अगर आप घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। इसके अलावे भूकंप रोधी मकान भी उतने ही जरूरी होते हैं। यह हालांकि बहुत महंगा नहीं होता, पर इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अक्सर लोग इसकी अनदेखी कर बैठते हैं।