Highlights
- भूकंप की गहराई जमीन से 140 किमी नीचे थी
- अभी तक म्यांमार से किसी भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं
- भूकंप का केंद्र बर्मा से 162 किमी दूर था
Earthquake: म्यांमार के बर्मा में आज सुबह करीब 3.52 बजे 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप की गहराई जमीन से 140 किमी नीचे थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की 6.1 तीव्रता आम जनजीवन को प्रभावित कर देती है। हालांकि अभी तक म्यांमार से किसी भी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है।
म्यांमार से सटे मणिपुर में भी हाल ही में आया था भूकंप
भारत के दक्षिण में स्थिति अंडमान निकोबार द्वीप समूह में आए भूकंप से पहले पिछले शुक्रवार सुबह ही तॉर्थ ईस्ट के राज्य मणिपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। मणिपुर के मोइरांग से 100 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में शुक्रवार सुबह 10.02 बजे भूकंप के तेज झटके आए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 रही। इस भूकंप के तेज झटके से लोग सहम गए और घरों से बाहर निकल गए और सड़क पर खड़े हो गए। हालांकि किसी तरह का कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय रहवासियों के अनुसार भूकंप के झटके महसूस होने के बीच घरों में रखी कई वस्तुएं हिलने लगी थीं।
अंडमान में भी आए थे भूकंप के झटके
हाल ही में अंडमान में भूकंप केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। द्वीपीय प्रदेश में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र कैंपबेल बे से 431 किलोमीटर दूर था। भूकंप की गहराई जमीन से 75 किमी नीचे थी।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुछ दिन पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। सीस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार द्वीप से 108 किमी उत्तर पूर्व डिगलीपुर में 4.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी।
हाल ही में कारगिल में महसूस हुए थे भूकंप के झटके
इससे पहले हाल ही में दुनिया के सबसे उंचे युद्ध स्थल कारगिल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई थी। मीडिया में आई खबर के अनुसारए भूकंप का प्रभाव लद्दाख के आसपास महसूस किया गया था। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी।
लेह में भी आया था भूकंप
वहीं इससे पहले लेह के अलची से करीब 189 किमी उत्तर में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता 4.8 आंकी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। भूकंप के कारण अभी किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
कुछ दिन पहले भी अल्ची में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई थी। बताया जाता है कि पिछले दिनों यहां जो भूकंप आया था उस समय लोग सुबह अपने अपने कामों में व्यस्त थे। उसी समय धरती हिली और भूकंप के कारण दरवाजे आथ्र खिड़कियां हिलने पर लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए थे।
जान माल के नुकसान न हो, इसलिए पहले से करें तैयारी
ऐसा कहा जाता है कि भूकंप के छोटे झटके किसी बड़े भूकंप के आने से पहले चेतावनी देते हैं। ऐसे में जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए पहले से तैयारी शुरू कर देना ही समझदारी है। एक मीडिया रिपोर्ट में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के पूर्व प्रमुख एके शुक्ला के हवाले से लिखा गया है कि ऐसी कोई मशीन नहीं बनी हैए जिससे भूकंप की भविष्यवाणी हो सके। लेकिन जो छोटे भूकंप होते हैं। वह बड़े भूकंप की चेतावनी के तौर पर देखे जाने चाहिए।