Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में मंगलवार सुबह जोरदार भूकंप से धरती हिल उठी। भूकंप के तेज झटकों लोगों में दहशत फैल गई। घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप काझटका सुबह करीब 7 बजकर 3 मिनट पर महसूस किया गया। हालांकि अभी तक भूकंप की वजह से कितने लोग घायल हुए हैं या जानमाल का कितना नुकसान हुआ है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। भूकंप सतह से 120 किमी नीचे था। 5.2 की तीव्रता से आए भूकंप से धरती कांपी।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को एक बार फिर अफगानिस्तान में भूकंप आया है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 5.2 तीव्रता के भूकंप से धरती डोल गई। झटका सुबह करीब सात बजकर 3 मिनट पर महसूस किया गया। हालांकि अभी तक भूकंप की वजह से कितने लोग घायल हुए हैं या जानमाल का कितना नुकसान हुआ है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भूकंप के लिए अति संवेदनशील क्षेत्रों में से एक इस पहाड़ी देश में अक्टूबर में आए सबसे खतरनाक झटकों में 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 9 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
7 अक्टूबर को आया था विनाशकारी भूकंप
बता दें कि 7 अक्टूबर को हेरात के उसी हिस्से में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ था। उसके बाद से भूकंप के और आठ शक्तिशाली झटके आए, जिससे कई ग्रामीण घर गिर गए और 1,000 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। इसके कुछ दिनों के बाद, जब हजारों भयभीत निवासी बिना आश्रय के रह गए और स्वयंसेवक जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे थे, उसी तीव्रता के एक और झटके ने एक व्यक्ति की जान ले ली और 130 अन्य घायल हो गए।
बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों की गई जान
एजेंसी के हेरात स्थित फील्ड अधिकारी सिद्दीग इब्राहिम ने कहा, "महिलाएं और बच्चे अक्सर घर पर होते हैं। महिलाएं घर की और बच्चों की देखभाल करती हैं, इसलिए जब घर किसी वजह से ढहते हैं, तो उन्हें सबसे अधिक खतरा होता है।" संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि ग्रामीण ज़ेंडा जान जिले के कम से कम छह गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 12,000 से अधिक लोग भूकंप से प्रभावित हुए।
अफगानिस्तान में क्यों आते हैं भूकंप?
हजारों निवासी पहले से ही घरों के खंडहरों के आसपास भूकंप के बाद आने वाले झटकों के आतंक में जी रहे हैं, जहां एक ही पल में पूरे परिवार खत्म हो गए। बता दें किअफगानिस्तान के पश्चिम और केंद्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जो ज्यादातर अरब और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के एक-दूसरे से टकराने के कारण आते हैं।