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इंडोनेशिया में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई इतनी तीव्रता

इससे पहले भी गुरूवार 13 अप्रैल को इंडोनेशिया के तनिंबर आइलैंड पर 4.9 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप इंडोनेशियाई क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार सुबह 04:37 में आया था।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Apr 14, 2023 16:14 IST, Updated : Apr 14, 2023 17:08 IST
Earthquake
Image Source : INDIA TV इंडोनेशिया में भूकंप से कांपी धरती

जकार्ता: इंडोनेशिया में भूकंप से फिर धरती कांप उठी। जानकारी के अनुसार यह भूकंप आज दोपहर भारतीय समयनुसार 3:25 पर आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.0 मापी गई। भूकंप की यह तीव्रता बेहद ही खतरनाक मानी जाती है। भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के तुबन से 96 किमी उत्तर में था। वहीं इससे पहले भी गुरूवार 13 अप्रैल को इंडोनेशिया के तनिंबर आइलैंड पर  4.9 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप इंडोनेशियाई क्षेत्र में स्थानीय समयानुसार सुबह 04:37 में आया था। इस भूकंप किसी तरह के जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं आयी थी।

प्लेट्स के टकराने से आता है भूकंप

यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

भूंकप का केंद्र और तीव्रता

भूकंप का केंद्र वह जगह होती है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा महसूस होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। इसकी तीव्रता का मापक रिक्टर स्केल होता है। रिक्‍टर स्‍केल पर यदि 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की तरफ होती है तो प्रभाव क्षेत्र कम होता है। भूकंप की जितनी गहराई में आता है, सतह पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही कम महसूस की जाती है।

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