ईरानी ने इजरायल के खिलाफ जंग की शुरुआत कर दी है। इसी कड़ी में 13 अप्रैल को ईरान ने हार्मुज जलडमरूमध्य के निकट एक जहाज को बंधक बना लिया। इस जहाज पर 17 भारतीय सवार थे। यह सूचना जैसे ही भारतीय विदेश मंत्रालय को मिली तो भारतीय विदेश मंत्रालय हरकत में आ गया। इसके बाद से विदेश मंत्रालय लगातार ईरान के संपर्क में बना हुआ है। साथ ही भारतीयों के रिहाई को लेकर प्रयास जारी है। बता दें कि यह जहाज एक इजराइली अरबपति कारोबारी के आंशिक स्वामित्व वाली कंपनी से संबंधित मालवाहक जहाज है, जिसपर चालक दल समेत कुल 17 भारतीय सवार थे।
एस. जयशंकर ने दी जानकारी
इस मामले पर अब नई जानकारी सामने आई है। दरअसल केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट शेयर किया। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीरबदोल्लाहियन से रविवार शाम बात की। एमएससी एरीज के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई पर चर्चा की। क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की गई। इस चर्चा में इस बात पर भी जोर दिया गया कि तनाव बढ़ने से बचा जाए, संयम बरता जाए और कूटनीति के जरिए मामले का हल निकाला जाए।
ईरान ने 25 लोगों को बनाया बंधक
बता दें कि एमएससी एरीज उस जहाज का नाम है, जिसे ईरान ने अपने कब्जे में ले लिया है। इस जहाज पर 17 भारतीय नागरिक सवार हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि उन्हें शीघ्र ही मुक्त कराना सुनिश्चित करने के लिए तेहरान और दिल्ली दोनों ही जगहों पर राजनयिक माध्यमों से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं। एमएससी (मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी) ने क हा कि वह चालक दल के 25 सदस्यों की सलामती और जहाज की वापसी के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है।