कोलंबो: श्रीलंका लंबे समय बाद एक बार फिर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) की कुछ गतिविधियों की वजह से टेंशन में आ गया है। बता दें कि यह श्रीलंका का सशस्त्र अलगाववादी समूह है, जो अपने लिए अलग देश की मांग करता रहा है। इसके लिए कई बार लिट्टे ने श्रीलंका में आतंकी हमले भी किए हैं। अलग मातृभूमि की मांग को लेकर किए गए संघर्ष के दौरान मारे गए लिट्टे समूह के सदस्यों की याद में कार्यक्रम आयोजित किए जाने वाले हैं। इससे पहले श्रीलंका में उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में ऐसे आयोजना पर लगाम लगाने के लिये सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।
यह आयोजन काफी समय तक चले गृह युद्ध के खत्म होने की वर्षगांठ पर आयोजित किया जाना था। सुरक्षा बलों को श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में प्रतिबंधित लिट्टे की अंतिम लड़ाई की 15वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी मिली है। यह गृहयुद्ध 1983 में शुरू हुआ और करीब तीन दशकों के बाद सेना द्वारा 2009 में लिट्टे के प्रमुख नेताओं को मारे जाने के साथ खत्म हुआ।
श्रीलंका की सरकार सतर्क
सेना ने सैनिकों को तैनात न करने का निर्णय लिया है, लेकिन सेना और पुलिस का एक विशेष कार्य बल बुधवार से 20 मई तक संभावित लिट्टे स्मरणोत्सव पर कड़ी नजर रखेगा। पुलिस ने कहा है कि संघर्ष में मारे गए लिट्टे सदस्यों की याद में स्मरणोत्सव मनाने की कोशिश करने वाले समूहों के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (भाषा)
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