पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में शनिवार को तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद फिर इमरान खान के समर्थकों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में कई जगह इमरान खान के समर्थकों और पुलिस में झड़प भी हुई है। यह प्रदर्शन अभी और उग्र और हिंसक भी हो सकता है। इससे पहले 9 मई को भी इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसा और प्रदर्शन के कारण जमकर बवाल हुआ था। इसके बाद सरकार ने इमरान खान समेत सैकड़ों समर्थकों पर मुकदमा दर्ज करा दिया था।
तोशाखाना मामले में इमरान खान पर सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचने का आरोप है। इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा। दिलावर ने अपने फैसले में कहा, “पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा करने के आरोप साबित हुए हैं।
सत्र न्यायाधीश की टिप्पणी
पाकिस्तान के सत्र न्यायाधीश दिलावर ने कहा, “इमरान खान ने जानबूझकर पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के सामने (तोशाखाना उपहारों का) फर्जी विवरण प्रस्तुत किया और वह भ्रष्ट आचरण के दोषी पाए गए हैं।” उन्होंने निर्वाचन अधिनियम की धारा 174 के तहत खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई। दिलावर ने यह भी निर्देश दिया कि अदालत के आदेशों के कार्यान्वयन के लिए आदेश की एक प्रति इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख को भेजी जानी चाहिए। इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को गिरफ्तारी वारंट का तत्काल अमल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। अदालत के फैसले के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस के सहयोग से 70 वर्षीय खान को लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। पंजाब के सूचना मंत्री आमिर मीर ने एक बयान में कहा कि पुलिस खान को इस्लामाबाद ले जा रही है।
इमरान के साथ पीटीआई का भविष्य भी खतरे में
तोशाखाना मामले में 3 साल की सजा होने के बाद इमरान खान के साथ अब उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ‘पीटीआई’ का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है। अगर उच्च अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलती तो इमरान खान चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। इमरान खान को ऐसे समय में सजा हुई है, जब पाकिस्तान में 12 अगस्त को मौजूदा संसद का कार्यकाल पूरा हो रहा है और पीएम शहबाज शरीफ इस्तीफा देने जा रहे हैं। इसके बाद पाकिस्तान में आम चुनाव शुरू हो जाएंगे। मगर पाकिस्तान की सरकार को अब तक सड़क से लेकर संसद तक ललकारने वाले इमरान खान को सजा होने के बाद पीटीआई का झंडा थामने वाला कोई बड़ा नेता नहीं रह गया है। इमरान खान की पहली बार 9 मई को गिरफ्तारी के बाद ही हिंसा के मुकदमे में फंसने की डर से उनकी पार्टी के ज्यादातर नेता पीटीआई छोड़कर जा चुके हैं।
क्या है तोशाखाना मामला
तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की शिकायत पर दायर किया गया था। ईसीपी इससे पहले इसी मामले में खान को अयोग्य करार दे चुकी थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए तोशाखाना मामले की विचारणीयता को बरकरार रखने के सत्र अदालत के फैसले को रद्द करने के एक दिन बाद यह फैसला आया। ईसीपी ने 21 अक्टूबर, 2022 को खान को ‘‘झूठे बयान और गलत जानकारी’’ देने के आरोप में सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के अंतर्गत एक विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। खान ने तोशाखाना से कुछ उपहार खरीदे, जिनमें एक कीमती घड़ी भी शामिल थी, और उसे लाभ कमाने के लिए बेच दिया। (भाषा)
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