Highlights
- जापान ने आने वाले समय में दुनिया में तनाव बढ़ने की चेतावनी दी है।
- सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए जापान ने रक्षा बजट बढ़ाने की बात की है।
- रिपोर्ट में ताइवान का नाम आने पर चीन बुरी तरह भड़क गया है।
Defence Report: जापान की 500 पन्नों की एक रिपोर्ट ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है। यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ रूस (Russia) की जंग और चीन-ताइवान के बीच तनाव को देखते हुए जापान ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ सकता है। जापान ने शुक्रवार को वार्षिक रक्षा दस्तावेज (Japan Defence Report) जारी किया है जिसमें डराने वाली बातें कही गई हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की कैबिनेट द्वारा स्वीकृत किए गए वार्षिक रक्षा श्वेत पत्र में सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए जापान की सैन्य क्षमता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया गया है।
दोगुना होगा जापान का रक्षा बजट!
किशिदा की सत्तारूढ़ पार्टी सैन्य बजट को आने वाले समय में दोगुना करना चाहती है। अगले कुछ महीने में जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा की जानी है, जिससे पहले यह रिपोर्ट जारी की गई है। लगभग 500 पन्ने की इस रिपोर्ट में चीन, रूस और उत्तर कोरिया की ओर से सबसे अधिक सुरक्षा चिंताएं पैदा होने की बात कही गई है। रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने रिपोर्ट में शामिल एक बयान में कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सामरिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन गया है। रिपोर्ट में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन’ कहा गया है।
अमेरिका और चीन के तनाव का भी जिक्र
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बलपूर्वक यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रभाव हिंद-प्रशांत क्षेत्र तक फैल सकता है। रिपोर्ट में ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव का भी जिक्र किया गया है। अमेरिका अब भी जंगी जहाज और हथियार ताइवान भेज रहा है जबकि चीनी लड़ाकू विमान लगातार ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुस रह हैं। ताइवान को चीन अपना ही हिस्सा मानता है और कई बार यह कह भी चुका है कि अगर जरूरत हुई तो वह ताइवान को बलपूर्वक अपने क्षेत्र में मिला सकता है।
जापान की रिपोर्ट पर भड़का चीन
चीन ने जापानी रक्षा पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें चीन से होने वाले सैन्य खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। जापान पर भड़कते हुए ड्रैगन ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट के जरिए ताइवान के साथ चीन की आंतरिक नीति में दखल दिया गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘हम जापान से आग्रह करते हैं कि वह अपनी सैन्य तैनाती को सही ठहराने के लिए अपने पड़ोस में सुरक्षा खतरों को तूल देना बंद करे।’